आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। गुजरात में हुए उत्तर भारतीयों पर हमले के बाद लखनऊ पहुंचे गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का दूसरे दिन भी सोमवार को कांग्रेस ने जमकर विरोध किया। नेता व कार्यकर्ताओं ने जहां कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय व गौतमपल्ली क्षेत्र में काले गुब्बारे उड़ाकर विरोध दर्ज कराते हुए गुजरात के सीएम के वापस जाने की मांग की।
वहीं युवा कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज इलाके में गुजरात के मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी कर पूरा मामले पर रोष जताया। साथ ही युवा कांग्रेस के सदस्यों ने विजय रूपाणी का पुतला भी फूंका। इस दौरान उनकी पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई। हालांकि पुलिस के विरोध के बाद भी युवा कांग्रेस के सदस्य पुतला फूंकने में कामयाब रहें।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. उमाशंकर पाण्डेय ने कहा कि गुजरात से उत्तर भारत खासकर यूपी, बिहार, एमपी आदि राज्यों के करीब 45 हजार लोगों को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक रूप से परेशान करने पर गुजरात छोड़ने पर मजबूर किया गया। अलोकतांत्रिक तरीके से किए गए इस काम की जितनी भी निंदा की जाए कम है।
प्रदेश प्रवक्ता ने गुजरात के सीएम के लिए सूबे की राजधानी में आयोजित कार्यक्रम पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ऐसी गंभीर घटना पर जहां यूपी के मुख्यमंत्री को गुजरात सरकार के साथ कठोर राजनैतिक संवाद कर अपने प्रदेश के लोगों का हित सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए था, ऐसा न करके राजधानी लखनऊ में गुजरात के मुख्यमंत्री का ‘रेड कारपेट स्वागत’ किया जा रहा है। सीएम का ऐसा करना न सिर्फ गुजरात से निकाले गए यूपी के हजारों नागरिकों के जख्म पर नमक छिड़कने के जैसा है, बल्कि यूपी की जनता द्वारा दिए गए प्रचण्ड समर्थन का भी घोर निरादर है।
वहीं विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेसियों पर की जा रही कार्रवाई पर विरोध जताते हुए उमाशंकर ने कहा कि कांग्रेस ने जाति, धर्म एवं क्षेत्रवादी राजनीति से परे देश की एकता, अखण्डता, सद्भावना एवं सभी नागरिकों के सम्मान के लिए हमेशा त्याग, बलिदान और कुर्बानी दी है। गुजरात में घटी इस क्षेत्रवादी मानसिकता की घटना को कांग्रेस कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगी।
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इस पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने लोकतांत्रिक ढंग से गुजरात के निरंकुश और अक्षम मुख्यमंत्री का विरोध किया है तो योगी सरकार विरोध पर बर्बर कार्यवाही करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज, गिरफ्तारी और नजरबंद करवा रही है। यह सरकार की तानाशाही एवं निरंकुशता का खुला प्रमाण है, लेकिन कांग्रेस इससे डरने वाली नहीं है।