आरयू वेब टीम। राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष ने अपने साझा उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है। विपक्ष से राष्ट्रपति पद के लिए यशवंत सिन्हा उम्मीदवार होंगे। इसकी जानकारी कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दी है। उन्होंने कहा, ‘विपक्षी दलों ने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के ओर से उम्मीदवार होंगे।’
राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त उम्मीदवार के रूप में विपक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के नाम पर विचार कर रहा था। कुछ विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर पिछले साल तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए बीजेपी के पूर्व नेता सिन्हा के नाम का प्रस्ताव रखा था, जिसपर सर्वसम्मति से सहमति बन गई।
इससे पहले यशवंत सिन्हा ने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस छोड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि अब वह विपक्षी एकता के राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए काम करेंगे। साथ ही कहा कि, ‘ममता जी ने जो सम्मान मुझे तृणमूल कांग्रेस में दिया। मैं उसके लिए उनका आभारी हूं। अब समय आ गया है जब वृहद विपक्षी एकता के व्यापक राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से अलग होना होगा। मुझे यकीन है कि वह (ममता) इसकी अनुमति देंगी।’
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इस बीच, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने विपक्षी दलों के साथ बैठक में कहा, ‘हम (विपक्षी दल) 27 जून की सुबह लगभग 11.30 बजे राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करेंगे।’ मालूम हो कि यशवंत से पहले, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी को उम्मीदवार बनने का प्रस्ताव दिया गया था, हालांकि इन सभी ने विपक्ष की ओर से उम्मीदवार बनने का प्रस्ताव ठुकरा दिया।
बता दें कि सिन्हा दो बार केंद्रीय वित्त मंत्री रह चुके है। पहली बार वह 1990 में चंद्रशेखर की सरकार में और फिर अटल बिहारी वाजपेयी नीत सरकार में वित्त मंत्री थे। वह वाजपेयी सरकार में विदेश मंत्री भी रहे।