सवर्णों के आरक्षण पर मोदी सरकार का साथ देगें केजरीवाल, राजनीतिक बयानबाजी तेज, जानें किसने क्‍या कहा

सवर्णों के आरक्षण

आरयू वेब टीम। 

आर्थिक रुप से पिछड़े सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के मोदी सरकार के फैसले के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई। एक ओर जहां सरकार को इस फैसले पर विरोधी आम आदमी पार्टी का उसे साथ मिल गया है। वहीं यशवंत सिन्हा और ओमप्रकाश राजभर ने इसे सिर्फ एक जुमला करार दिया है।

इस फैसले के बाद अरविंद केजरीवाल ने सोशली मीडिया के माध्‍य से ट्वीट कर कहा है कि चुनाव के पहले भाजपा सरकार संसद में संविधान संशोधन करे तो हम सरकार का साथ देंगे। नहीं तो साफ हो जाएगा कि ये मात्र भाजपा का चुनाव के पहले का स्टंट है।

जबकि राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने ट्वीट कर इस फैसले पर सरकार का साथ देने का एलान किया है। हालांकि उन्‍होंने अपने ट्वीट में सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दस प्रतिशत आरक्षण बढ़ाने के लिये संविधान संशोधन करना होगा सरकार विशेष सत्र बुलाये हम सरकार का साथ देंगे वरना ये फैसला चुनावी जुमला मात्र साबित होगा।

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संजय सिंह ने एक और ट्वीट में सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए लिखा है, ‘आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण जातियों के लिये मोदी सरकार ने 10 प्रतिशत आरक्षण का स्वागत योग्य चुनावी जुमला छोड़ दिया है,ऐसे कई फैसले राज्यों ने समय-समय पर लिए, लेकिन 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण पर कोर्ट ने रोक लगा दी क्या ये फैसला भी कोर्ट से रोक लगवाने के लिये एक नौटंकी है?’

वहीं यशवंत सिन्हा ने कहा है कि आर्थिक रुप से कमजोर सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का प्रस्ताव एक जुमले से ज्यादा कुछ नहीं है। ये कई तरह की कानूनी जटिलताओं से लैस है और इसे संसद के दोनों सदनों से पास कराने का समय नहीं है। इस कदम से सरकार पूरी तरह एक्सपोज हो गई है।

इसके अलावा केंद्रीय कैबिनेट के आर्थिक रुप से गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने पर यूपी के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा है कि 10 फीसदी कोटा देना एक चुनावी जुमला है।

जबकि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का कोई संविधान में प्रावधान नहीं है। लोकसभा में तय करेंगे कि गरीब सवर्णों पर आए संविधान संशोधन पर क्या करना है। तेजस्वी ने कहा कि जब 15 प्रतिशत आबादी वालों को 10 फीसदी आरक्षण देने की बात हो रही है तो 85 प्रतिशत आबादी वालों को 90 प्रतिशत आरक्षण दें।

वहीं कांग्रेस के हरीश रावत ने सरकार के आर्थिक रुप से गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के मुद्दे पर तंज कसते हुए कहा कि ‘बहुत देर कर दी मेहरबान आते-आते। साथ ही उन्होंने कहा कि जब चुनाव नजदीक आ रहे हैं, ऐसे में कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो क्या करते हैं, क्या देते हैं, क्या जुमला गढ़ते हैं। इस सरकार को कोई नहीं बचा सकता है।

इतना ही नही छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा कि यदि आप 2014 में कांग्रेस के घोषणा पत्र को देखें तो उसमें यह स्पष्ट लिखा है कि हम उन सभी वर्गों को आरक्षण का लाभ देने के पक्ष में हैं जो इसके हकदार है और उन्हें लाभ नहीं मिल रहा है। अब जब सरकार ने यह फैसला लिया है तो देखना होगा कि इसका कैसा क्रियान्वयन होता है।

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