आरयू ब्यूरो, लखनऊ। रविवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाएं हैं। अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार ने विकास के नाम पर उत्तर प्रदेश को विनाश के गर्त में ढकेल दिया है और अब सिर्फ गप्पबाजी और विज्ञापन के बूते योगी सरकार का अस्तित्व बचा है। इसका प्रदेश की जनता के सुख-दुख से कुछ लेना-देना नहीं है। भाजपा की जनविरोधी नीतियों के चलते प्रदेश की ख्याति भी धूमिल हुई है।
अपने एक बयान में अखिलेश ने आज कहा कि 24 जनवरी 1950 को उत्तर प्रदेश की स्थापना हुई थी। इससे पहले उत्तर प्रदेश संयुक्त प्रांत के नाम से जाना जाता था। तब से 70 साल हो गए प्रदेश को विकास की चाह अभी तक है। प्रदेश के स्थापना दिवस को भी भाजपा ने एक इवेंट बना दिया है। बगैर कुछ किए सपा के कामों को अपना बताकर भाजपा प्रदेश के विकास का श्रेय ले रही।
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सपा अध्यक्ष ने आज आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश का विकास किया है, लेकिन यह कैसा विकास है कि सर्वे में दसवें पायदान पर भी उत्तर प्रदेश नहीं है। हर मामले में फिसड्डी उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष आय 70 हजार रूपये होने का दावा मुख्यमंत्री जी ने ठोक दिया है।
वहीं प्रदेश के विकास की झूठी कहानी गढ़ने वाले भाजपा के अफसरी आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था खराब हुई है, जबकि जंगलराज की आग में उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था स्वाहा हो गई है।
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सवाल उठाते हुए अखिलेश ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री ने एक जनपद, एक उत्पाद के शोर में तीन दिन सभी जनपदों में कार्यक्रमों की घोषणा कर दी है। इसमें नई बात क्या है? पहले से ही अलीगढ़ तालों के लिए, रामपुर चाकुओं के लिए, सहारनपुर नक्काशीदार लकड़ी के लिए, मुरादाबाद पीतल के बर्तन के लिए, कानपुर लेदर के लिए आदि विभिन्न स्थान अपने उत्पादों के लिए प्रख्यात हैं। भाजपा ने इनकी जो हाट लगाई है वह स्थान भी सपा सरकार की ही देन है। अवध शिल्पग्राम की स्थापना भी सपा सरकार ने की थी।