आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। बुधवार को अवैध खनन को लेकर योगी सरकार की ओर से की गयी कार्रवाई पर आज भाजपा ने इसे योगी आदित्यनाथ का अवैध खनन को लेकर जीरो टॉलरेंस वाला रवैया करार दिया है। इसके साथ ही बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की पूर्व अखिलेश और मायावती सरकार पर भी निशाना साधा है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. चन्द्रमोहन ने बीजेपी मुख्यालय पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि प्रदेश में सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कह दिया था कि अब यूपी में माफियाराज नहीं चलेगा। फतेहपुर में अवैध खनन पर चार अफसरों पर कड़ी कार्रवाई करना भाजपा सरकार की मंशा को स्पष्ट करता है। साथ ही अवैध खनन में लिप्त भ्रष्ट अधिकारियों पर जिस तरह की कार्रवाई की गयी है। उसकी मिसाल विपक्षी सपा और बसपा की सरकारों में तो देखने को ही नही मिलती थी।
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चन्द्रमोहन ने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली दोनों सरकारों के कार्यकाल के दौरान प्रदेश में सरकारी संरक्षण में अवैध खनन होता था। नदियों का सीना चीरकर खनन माफिया बड़ी-बड़ी मशीनों से अवैध खनन करते थे। अब अवैध खनन पर रोक लगने से विपक्षी दल बौखलाए हुए हैं।
सड़कों का कर दिया था बुरा हाल
अवैध खनन से होने वाले नुकसान की बात करते हुए प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि इससे एक ओर जहां सरकारी राजस्व को चोट पहुंचती है। वहीं पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के साथ ही ओवर लोडिंग ने प्रदेश में सड़कों का हाल बुरा कर दिया था।
छोटे व्यापारी भी खनन व्यवस्था में हो रहें शामिल
चन्द्रमोहन ने आगे कहा कि अब योगी सरकार अवैध खनन रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। खनन माफियाओं के सिंडिकेट तोड़ने के लिए खदानों की नीलामी के लिए ई-टेंडरिंग व्यवस्था लागू की गई है। ई-टेंडरिंग व्यवस्था लागू होने से अब छोटे कारोबारी भी खनन व्यवस्था में शामिल हो पा रहे हैं। साथ ही प्रस्तावित यूपीकोका कानून में खनन माफिया के सिंडिकेट को जड़ से उखाड़ने के लिए बेहद कड़े प्रावधानों का समावेश किया गया है।
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ये हुई थी कार्रवाई
बताते चलें कि फतेहपुर में बड़े पैमाने पर अवैध खनन की शिकायत मिलने पर बुधवार को योगी सरकार ने कार्रवाई की थी। जिसके तहत फतेहपुर के एसडीएम अमित कुमार भट्ट, क्षेत्राधिकारी सुरेंद्र कुमार, इंस्पेक्टर खागा राजेश कुमार सिंह व खनन अधिकारी अजय कुमार यादव को निलंबित कर दिया था। जबकि अब तक अवैध खनन को लेकर खामोश बैठे फतेहपुर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से स्पष्टीकरण मांगा था।
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