आरयू ब्यूरो, लखनऊ। भ्रष्टाचार के साथ शासनादेश को ठेंगे पर रख इंजीनियर-कर्मियों की तैनाती करने के लिए चर्चित लखनऊ विकास प्राधिकरण में एक अनोखा मामला सामने आया है। अब एलडीए में एक ऐसे जूनियर इंजीनियर को एक-दो नहीं, बल्कि एक साथ चार अफसरों के पास महत्वपूर्ण तैनाती दे दी गयी है, जिसपर खुद एलडीए अध्यक्ष/मंडलायुक्त रोशन जैकब ने कड़ी कार्रवाई की थीं।
इस बार जेई की कारस्तानी से परेशान प्रवर्तन जोन एक की जोनल अफसर वंदना पांडेय ने इसकी शिकायत एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी से करते हुए कहा है कि 20 दिनों से अवर अभियंता आशीष श्रीवास्तव फाइलें व अवैध निर्माण से संबंधित डाक नहीं रिसीव कर रहें, जिसके चलते प्रवर्तन का काम प्रभावित हो रहा साथ ही शिकायतों का निस्तारण नहीं हो पा रहा और इससे लखनऊ विकास प्राधिकरण की छवि भी धूमिल हो रही है। शिकायत के बाद इंद्रमणि त्रिपाठी ने इस मामले में चीफ इंजीनियर को आगे की कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
यह है मामला-
सामने आई जानकारी के अनुसार मुख्य अभियंता कार्यालय में जेई तकनीकी (पीएटी) के पद पर तैनात अशीष श्रीवास्तव मार्च 2021 से टेंडर व उसकी इस्टीमेट की जांच के काम में अब तक लगे हैं। निर्माण से संबंधित एलडीए की हर छोटी-बड़ी फाइल आशीष व दूसरे पीएटी अशोक कुमार और एईटी आरपी शिसोदिया की बराबरी से मंजूरी मिलने के बाद ही आगे बढ़ती है।
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इसके अलावा कुछ महीने पहले आशीष को अभियंत्रण जोन एक में आधिशासी अभियंता अजीत कुमार के साथ भी अटैच कर दिया गया। यहां आशीष को गोमतीनगर विस्तार के सेक्टर पांच, छह व सात के अलावा वेट लैंड, सीएसआइ टॉवर, संस्कृत संकुल व म्यूजिकल पार्क समेत पूरे सिजी सिटी व अन्य जरूरी योजनाओं के निर्माण व विकास कार्य का जिम्मा सौंप दिया गया।
यहां बताते चलें कि कुछ महीने पहले ही कमिश्नर ने सीजी सिटी में निरीक्षण के दौरान काम में गड़बड़ी मिलने व टेंडर लटकाने के मामले को बेहद गंभीर मानते हुए जेई आशीष श्रीवास्तव को ही एलडीए वीसी से प्रतिकूल प्रवृष्टि दिलवाई थीं।
महीने के साथ बढ़ी जिम्मेदारी
कार्रवाई करने के कमिश्नर के सख्त आदेश के बाद एलडीए के अधिकारियों को आशीष श्रीवास्तव में न जाने कितनी खूबी और तेजी दिखने लगी कि उन्होंने बीते अप्रैल में जेई को मुख्यालय समेत एलडीए व अन्य विभागों की बिल्डिंगों के अनुरक्षण का काम सौंपते हुए अधिशासी अभियंता इलेक्ट्रिकल मनोज सागर के साथ भी अटैच कर दिया।
तकनीकी, अभियंत्रण व अनुरक्षण जैसे काम देने के बाद भी अफसरों का मन नहीं भरा तो उन्होंने अगले महीने यानि मई में आशीष श्रीवास्तव को प्रवर्तन जोन एक से भी संबंद्ध कर दिया। जहां जोनल अफसर वंदना पांडेय ने भी उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देते हुए विभूति खंड, विशेष खंड, विकल्प खंड, विक्रांत खंड, विजयंत खंड, गोमतीनगर विस्तार के सेक्टर पांच, छह, सात के अलावा सुल्तानपुर और फैजाबाद रोड पर प्राधिकरण की सीमा समाप्त होने तक के एरिये में अवैध निर्माण पर लगाम कसने का निर्देश दिया।
इंजीनियरों की कमी से जूझ रहा LDA, लेकिन…
बताते चलें कि भर्ती नहीं होने के चलते एलडीए इंजीनियरों की भारी कमी से काफी समय से जूझ रहा है। प्राधिकरण के अधिकारी भी इंजीनियरों की कमी की बात करते नहीं थकते। वहीं जेईटी अशोक कुमार व एईटी आरपी शिसोदिया की जिम्मेदारी मुख्य अभियंता कार्यालय से आगे नहीं बढ़ना भी सवाल पैदा करती है, जबकि इंजीनियरों के चार अलग-अलग माइंडसेट (तकनीकी, अभियंत्रण, अनुरक्षण व प्रवर्तन) वाले काम अशीष श्रीवास्तव को सौंप दिए गए। गौर करने वाली बात यह भी है कि अशीष जिन चार अफसरों के मातहत हैं, वह चारों और उनके स्टाफ भी एलडीए की दो अलग-अलग बिल्डिंगों के अलग-अलग फ्लोर पर बैठते हैं। ऐसे में किसी भी इंसानी क्षमता वाले जेई के लिए चारों अफसरों की अपेक्षाओं पर खरा उतरना बेहद मुश्किल है।