समुद्र में उतरी ‘सबमरीन खांदेरी’ राडार से बचकर दुश्‍मनों को सिखाएगी सबक

sabmareen khanderi

आरयू वेब टीम।

भारतीय नेवी की ताकत बढ़ाने के लिए गुरुवार की सुबह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस और दुश्‍मनों के राडार से बचने में बेमिसाल ‘खांदेरी सबमरीन’ को नेवी में शामिल किया गया। मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमएसडीएल) में रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने इसे नौसेना के हवाले कर दिया। इस दौरान नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा भी मौजूद थे।

मिली जानकारी के नेवी में शामिल होने के बाद इसके कई ट्रॉयल होंगे। इसके बाद खांदेरी को नौसेना के वार जोन में स्थान दिया जाएगा। यहां पनडुब्बी को उस पॅन्टून से अलग किया गया, जिसपर उसके विभिन्न हिस्सों को जोडकर एकीकृत किया गया था।

गौरतलब कि इस सीरीज की पहली पनडुब्बी कलवरी को पिछले साल अप्रैल में लॉन्च किया गया था। इसे दिसंबर तक शामिल करने का लक्ष्य रखा गया था।

जानें क्‍यों खास है ‘खांदेरी सबमरीन’ –

– स्कॉर्पीन श्रेणी की यह सबमरीन अत्याधुनिक फीचर से लैस है। रडार से बच निकलने की इसकी उत्कृष्ट क्षमता और दुश्‍मनों पर सधा के साथ ही जोरदार हमला करने में सक्षम। रडार से बच निकलने की क्षमता इसे अन्य कई पनडुब्बियों की तुलना में बेहतर बनाती है।

– यह एंटी मिसाइल समेत परमाणु क्षमता से भी लैस है।

– सबमरीन को ऐसे डिजाइन किया गया है कि वो हर जगह चल पाने में सक्षम हो। सबमरीन पानी में हो या सतह पर दोनो ही स्थितियों में इसकी ट्यूब प्रणाली एंटी सिप मिसाइल लॉन्च कर सकती है।

– खांदेरी नाम मराठा बलों के द्वीपीय किले के नाम पर दिया गया है। जिसकी 17वीं सदी के अंत में समुद्र में मराठा बलों का सर्वोच्च अधिकार सुनिश्चित करने में बड़ी भूमिका थी।

– इसके जरिए नेवल टास्क फोर्स भी दुश्मनों पर कभी भी कहीं से भी हमला करने में सक्षम होगी।