आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद की 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती के तहत 23 हजार शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इनमें छह हजार आरक्षित वर्ग के लोगों को भी नौकरी मिलेगी। साथ ही 17 हजार पदों पर नई भर्ती भी जल्द की जाएगी। इसको लेकर बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. सतीश द्विवेदी ने आदेश जारी किया है। छह जनवरी को नियुक्ति पत्र बांटे जाएंगे।
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने आज बापू भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में यह जानकारी देते हुए बताया कि 69000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण की विसंगति को दूर करने के लिए आरक्षित वर्ग के प्रभावित लगभग 6000 अभ्यर्थियों की भर्ती की जायेगी, जिसकी प्रक्रिया आज से ही प्रारंभ कर दी गयी है।
साथ ही राज्य सूचना विज्ञान केंद्र को भी प्रॉसेस फ्लो (प्रक्रिया) आज उपलब्ध करा दिया जाएगा, राज्य सूचना विज्ञान केन्द्र द्वारा प्रॉसेस फ्लो के अनुसार आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की चयन सूची अगामी 28 दिसंबर तक तैयार हो जायेगी।
शिक्षा मंत्री ने मीडिया को आगे बताया कि राज्य सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा प्राप्त करायी गई चयन सूची का परीक्षण 29 दिसंबर तक किया जायेगा, जिसके बाद राज्य सूचना विज्ञान केंद्र की वेबसाइट पर लिस्ट का प्रकाशन भी 30 दिसंबर को कर दिया जाएगा। जिसके बाद जनपद स्तर पर अभिलेखों का परीक्षण तीन जनवरी से जनवरी तक होगा और छह जनवारी 2022 को नियुक्ति पत्र निर्गत किया जायेगा।
डॉ. द्विवेदी ने बताया कि सर्वाेच्च न्यायालय में योजित सिविल अपील संख्या-9529/2017 यूपी राज्य व अन्य बनाम आनंद कुमार यादव व अन्य में पारित आदेश दिनांक 25.07.2017 द्वारा दिये गये आदेश के अनुपालन में 1,37,000 पदों पर दो चरणों (68500 एवं 69000) में की गयी चयन प्रक्रिया के बाद खाली लगभग 17,000 पदों पर नयी भर्ती किये जाने का भी निर्णय लिया गया है।
वही ट्वीट के जरिए राज्यमंत्री ने बताया, 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में आरक्षण की प्रक्रिया में विसंगति से प्रभावित लगभग छह हजार अभ्यर्थियों की भर्ती की जाएगी। इसके अलावा 17000 खाली पदों पर नई भर्ती भी होगी। इससे पहले राज्यमंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने एक लेटर जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि, 69000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण की विसंगति को दूर करने के लिए आरक्षित वर्ग के प्रभावित अभ्यर्थियों की भर्ती की जाएगी, जिसकी प्रक्रिया आज से ही प्रारंभ कर दी गई है।
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69 हजार शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थी लम्बे समय से संघर्षरत हैं और डेढ़ साल से आंदोलन कर रहे हैं। इनका आरोप है कि अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित 18598 सीटों में से 5844 सीटें सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को दे दी गई हैं। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी सरकार को इस मामले में पत्र भेजा है। ये अभ्यर्थी विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मिल कर अपनी बात कहते आ रहे हैं।
इसको लेकर गुरुवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती में आरक्षण की विसंगति को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने मुलाकात की थी। सीएम योगी ने इसका संज्ञान लेते हुए बेसिक शिक्षा विभाग को समस्या के त्वरित और न्यायसंगत समाधान के लिए निर्देश भी दिए हैं। गौरतलब है कि सरकार कई बार अपना पक्ष रख चुकी है और किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार कर रही है। सरकार ने पिछले सत्र में विधानपरिषद में अपना जवाब दिया कि अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित 18,598 पदों के सापेक्ष 31,228 अभ्यर्थियों की निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से भर्ती हुई है। इसमें तय आरक्षण से अधिक ओबीसी और एससी अभ्यर्थी चयनित हुए हैं।