आरयू ब्यूरो, लखनऊ। करीब दो साल से नियुक्मि के लिए संघर्ष कर रहें 69 हजार शिक्षक भर्ती के चयनित 6800 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया। इस दौरान अभ्यर्थियों ने भाजपा मुख्यालय के अंदर भी जाकर नारेबाजी की। जिसपर मुख्यालय के अंदर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को पुलिस ने बल प्रयोगकर जबरन बाहर किया और अभ्यर्थियों को वहनों में भरकर इको गार्डन पहुंचाया। इस दौरान ओबीसी व एससी वर्ग के अक्रोशित छात्र भाजपा व योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहें।
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना था कि बेसिक शिक्षा विभाग और योगी सरकार के लोग वादाखिलाफी कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन ने अभ्यर्थियों की मुलाकात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कराने का काफी पहले आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक उनकी मुलाकात नहीं हो पायी, इसी बात से नाराज अभ्यर्थी एक बार फिर भाजपा कार्यालय पहुंचकर नारेबाजी करने लगे।
योगी सरकार के वकील कर रहें हाई कोर्ट में विरोध
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं अमरेंद्र पटेल ने मीडिया को बताया कि लखनऊ हाई कोर्ट के डबल बेंच में 69 हजार शिक्षक भर्ती संबंधित मामले की सुनवाई चल रही है। इस संबंध में शिक्षा मंत्री संदीप सिंह और विभाग के अधिकारी ने हम अभ्यर्थियों से मीटिंग में जो वादे किए थे उसके मुताबिक योगी सरकार के वकील कोर्ट में पक्ष नहीं रख रहे हैं, बल्कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का विरोध कर रहे हैं।
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अमरेंद्र के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ही आदेश से हुई जांच के बाद 6800 आरक्षित वर्ग की चयन सूची आई थी। अभ्यर्थियों को उम्मीद हैं कि उनकी मुलाक़ात मुख्यमंत्री से होने पर पूरे मामले का सही निस्तारण हो जायेगा। शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में घोर अनियमितता बरती गई है जिस कारण आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी से वंचित कर दिया गया। हमारी मांग है कि सरकार इस मामले का त्वरित समाधान निकाले और सभी 6800 चयनित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों का हक अधिकार देते हुए उनकी नियुक्ति करें।