आरयू ब्यूरो, लखनऊ। जोनल सिस्टम लागू होने के बाद भी लखनऊ विकास प्राधिकरण में अवैध निर्माण की ठेकेदारी किस स्तर से चल रही है इसकी बानगी सोमवार को फिर सामने आयी है। जोन छह के निशातंगज में मात्र 880 वर्ग फुट के मकान के निर्माण के दौरान सवा दो लाख रुपए वसूलने के बाद भी और पैसे के लिए सुपरवाइजर व इंजीनियर के दबाव बनाने पर निर्माणकर्ता ने लेन-देन की बातचीत का ऑडियो बनाकर एलडीए उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी से शिकायत की है। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए वीसी ने जोन छह के सुपरवाइजर सत्तार अली को तत्काल निलंबित कर दिया है।
वहीं निर्माणकर्ता द्वारा दिए गए सवा दो लाख रुपए सुपरवाइजर द्वारा पैसे साहब तक पहुंचाने तथा खुद एक से दस हजार तक लेने की बात ऑडियो में कहने पर क्षेत्रिय जेई जितेंद्र दूबे को वीसी की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी की गयी है।
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वीसी की इस कार्रवाई से अवैध निर्माण कराने व बचाने का ठेके लेने वाले प्रवर्तन दल के इंजीनियर, अफसर व कर्मचारियों में हड़कंप की स्थिति है। सवा दो लाख की वसूली का मामला कुछ महीना पुराना (दिवाली के आसपास) होने के चलते पूर्व में प्रवर्तन जोन छह का कार्यभार देख रहे इंजीनियरों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
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एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि जोन छह के सुपरवाइर सत्तार अली पर निशातगंज में करीब 900 वर्गफुट क्षेत्र में हो रहे एक अवैध निर्माण के एवज में रूपये के लेने-देने के आरोप लगे हैं। इसका संज्ञान लेते हुए एलडीए वीसी ने सुपरवाइजर को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही उक्त क्षेत्र के अवर अभियंता जितेन्द्र दूबे को इस मामले के कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। नोटिस का जवाब मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बताते चलें कि यह पहला मामला नहीं है, इससे कुछ दिन पहले प्रवर्तन जोन पांच के एक सुपरवाइजर का अधिशासी अभियंता केके बंसला और जेई एसके सिंह के नाम वसूली की डीलिंग का वीडियो भी वायरल हुआ था। हालांकि इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।
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एलडीए के जानकार बताते हैं कि कई जेई, एई व सुपरवाइजर के अलावा वीसी के सामने अवैध निर्माण रोकने की प्लानिंग करने वाले कुछ जोनल अफसर भी अवैध निर्माण बचाने व कराने का ठेका लेने से नहीं हिचक रहें। इसके अलावा यह जोनल अफसर वर्तमान में अपनी टीम के साथ ही उन इंजीनियर व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों तक को क्षेत्र में भी भेज रहें हैं, जिन्हें पूर्व में खुद वीसी व एलडीए सचिव ने शिकायतें मिलने पर प्रवर्तन से हटाया था। साथ ही टीम के वसूली विशेषज्ञ जेई व सुपरवाइजरों को अपने जोन के अधिकांश क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंप दी है।