राजधानी के निजी भवनों पर लगी होर्डिंग्‍स अवैध, अब इतने दिनों में पड़ेगा हटाना

अवैध होर्डिंग्‍स

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। राजधानी में मानकों और नियमों को ताक पर रखकर निजी भवन पर लगायी गयी हजारों होर्डिंग्‍स आज अवैध घोषित हो गयी। इसके लिए मंगलवार को एलडीए के विहित प्राधिकारी के न्‍यायालय से आदेश पारित कर दिया गया है।

लोगों के जान व माल के लिए खतरा बनी होर्डिंग्‍स को अब भवन स्‍वामी या भवन इस्‍तेमाल करने वाले को 25 दिन में हटाना होगा। ऐसा नहीं करने पर उसे लखनऊ विकास प्राधिकरण और नगर निगम की कार्रवाई झेलनी होगी। कार्रवाई के तहत एलडीए और नगर निगम न सिर्फ अवैध होर्डिंग्‍स को हटवाएगा बल्कि उसमें आने वाले खर्च को भी भवन स्‍वामी या फिर उसको इस्‍तेमाल करने वाले से वसूलेगा।

कुछ इस तरह से की गयी कार्रवाई

आदेश जारी करने वाले विहित प्राधिकारी विश्‍वभूषण मिश्रा ने बताया कि पिछले वर्ष 26 दिसंबर को नगर आयुक्‍त ने जान-माल के लिए खतरा बनीं अवैध होर्डिंग्‍स पर कार्रवाई के लिए एलडीए उपाध्‍यक्ष को पत्र लिखा था। जिसके बाद 31 दिसंबर को पब्लिक नोटिस जारी कर होर्डिंग्‍स लगाने वाले सभी भवन स्‍वामियों को नौ जनवरी को लालबाग स्थित विहित प्राधिकारी न्‍यायालय में उपस्थित होकर यह स्‍पष्‍ट करने को कहा गया कि क्‍यों न उनकी अवैध होर्डिंग्‍स को उत्‍तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 की धारा 27 के तहत गिराने का आदेश दिया जाए।

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न्‍यायालय पहुंची सिर्फ एजेंसीज एसोसि‍एशन

नोटिस के बाद किसी भी भवन स्‍वामी व भवन धारक की जगह आउटडोर एडवरटाइजिंग एजेंसीज एसोसि‍एशन न्‍यायालय पहुंचा और इसपर आपत्ति जताई। उनकी सुनवाई व नियमों के जांच के लिए 12 जनवरी को भी सुनवाई हुई। अंत में आज विहित प्राधिकारी ने फैसला सुनाते हुए शहर के निजी भवनों पर लगी होर्डिंग्‍स को अवैध घोषित करते हुए उन्‍हें हटाने का आदेश पारित कर दिया।

जनहित का फैसला वसूली का जरिया न बन जाए

विहित प्राधिकारी की ओर से अवैध होर्डिंग्‍स को अवैध घोषित करने के साथ ही हटाने के फैसले से आम जनता को जरूर राहत मिलेगी। हालांकि इसके लिए अधिकारियों को इस बात का भी ध्‍यान रखना होगा कि अवैध होर्डिंग्‍स पर कार्रवाई का हाल अवैध निर्माण वाली कार्रवाई जैसा न हो। नहीं तो जनहित का फैसला होने के बाद भी जहां जनता को इससे कोई फायदा नहीं पहुंचेगा वहीं भ्रष्‍टाचार को बढ़ावा मिलेगा।

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