आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। कोर्ट के आदेश पर आज लखनऊ विकास प्राधिकरण की टीम गोमतीनगर के विजय खण्ड स्थित दो प्लॉट से अवैध कब्जा हटाने पहुंची। इस दौरान प्लॉट पर कबाड़ की दुकान चलाने वाले लोगों के अलावा अन्य लोगों ने हंगामा करने के साथ ही टीम का जबरदस्त विरोध किया।
हंगामे के बीच प्लॉट पर जमा कबाड़ के ढेर में संदिग्ध हाल में आग लग गयी। लपटें उठती देख हंगामा कर रहें लोगों ने उसमें कूदने की भी कोशिश की, हालांकि पुलिस ने समय रहते हुए उन्हें बचाकर गोमतीनगर थाने भिजवा दिया।
सूचना पाकर मौके पर पहुंची फॉयर ब्रिगेड की गाडि़यों ने करीब चार घंटे की मश्क्कत के बाद आग पर काबू पाया। इंस्पेक्टर पीके झा ने बताया कि हंगामा करने वाले पांच लोगों के खिलाफ गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज की गयी है।
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बताया जाता है कि विजय खण्ड दो स्थित प्लॉट संख्या 66 सादिया अफजल जबकि प्लॉट संख्या 67 को एलडीए ने करीब दो दशक पहले इम्तेयाज अहमद को आवंटित किया था। 3200-3200 दोनों प्लॉट पर अवैध कब्जा होने के चलते एलडीए मूल आवंटियों को कब्जा नहीं दे पा रहा था। जिसके बाद आवंटी कोर्ट चले गए।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद आज पूर्वान्ह एलडीए के नजूल अधिकारी विश्वभूषण मिश्रा पुलिस व प्रशासन की टीम के अलावा एलडीए के एई दिवाकर त्रिपाठी समेत अन्य इंजीनियरों के साथ मौके पर पहुंचे।
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टीम को देखते ही दशकों से प्लॉट पर कब्जा जमाए लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसी बीच किसी ने कबाड़ की दुकान में आग लगा दी। कबाड़ की दुकान चलाने वाले मोहम्मद इरशाद का कहना था कि उन्होंने दस हजार रुपए महीने की दर से महबूब आलम से जमीन किराए पर ली थी। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि एलडीए ने बिना किसी सूचना के कार्रवाई करने के साथ ही उन लोगों के सामान में आग लगाई है।
वहीं कब्जा हटाने वाली टीम का नेतृत्व कर रहे विश्वभूषण मिश्रा ने बताया कि अवैध कब्जा धारकों ने कार्रवाई से बचने के लिए हंगामा करने के साथ ही आग भी लगाई थी। एलडीए ने हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई की है।