आरयू वेब टीम। झारखंड के देवघर जिले में बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पास त्रिकूट पहाड़ियों पर रविवार को रोपवे में कुछ केबल कारों के आपस में टकरा जाने से दो पर्यटक की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए हैं। झारखंड के सबसे ऊंचे रोपवे पर हुए हादसे में दोपहर तक अलग-अलग करीब 18 ट्रालियों में 40 लोग फंसे हुए हैं। फंसे 48 पर्यटकों में आठ लोगों को निकाल लिया गया है। मदद के लिए सेना भी बुलाई गई है, लेकिन दोपहर तक सभी लोगों को सुरक्षित वापस लाया नहीं जा सका है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रोपवे में कम से कम 12 केबिन में 50 लोग फंसे थे। हादसे के करीब 20 घंटे बीतने के बाद भी 40 से ज्यादा लोग हवा में लटके हुए हैं। जैसे ही सेना का हेलिकॉप्टर इन लोगों को रेस्क्यू करने पहुंच रहा है तो हेलिकॉप्टर की पंखी की तेज हवा के कारण ट्राली हिलने लग रही हैं और उनमें सवार लोगों की जान पर बन आ रही है। ऊपर फंसे लोगों को ड्रोन के माध्यम से खाना और पानी दिया जा रहा है। ट्रालियां में छोटे बच्चे, पुरूष और कुछ महिलाएं फंसी हैं। इसके साथ ही गाइड और फोटोग्राफर भी फंसे हैं।
दरअसल झारखंड के देवघर में त्रिकूट पहाड़ पर रामनवमी को लेकर पूजा करने और घूमने के लिए सैकड़ों की संख्या में पर्यटक पहुंचे थे। केबिन जमीन से करीब 2500 फीट की ऊंचाई पर है। लिहाजा ऑपरेशन शुरू करने से पहले सुरक्षा के पुख्ता इंतजार किए जा रहे हैं। झारखंड के पर्यटन मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि रोप-वे का संचालन कर रही दामोदर वैली कार्पोरेशन को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा।
एक अधिकारी ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि यह घटना तकनीकी खराबी के कारण हुई, जिसके परिणामस्वरूप केबल कारों की टक्कर हुई। हालांकि हादसे के सटीक कारण का अभी पता नहीं चल पाया है। देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की एक टीम को बचाव अभियान के लिए मौके पर तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग भी बचाव अभियान में एनडीआरएफ की मदद कर रहे हैं।
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उपायुक्त ने लोगों से अफवाह न फैलाने की अपील करते हुए कहा, ”स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। कुछ लोग अभी भी रोपवे में केबल कारों में फंसे हुए हैं और उन्हें बचाया जा रहा है। सभी पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है।