वीसी ने वापस लिया अनोखा फैसला, अब एलडीए कर्मचारियों को नहीं चलानी होगी चार घंटे साईकिल

अनोखा फैसला
प्रतीकात्मक फोटो।

आरयू ब्‍यूरो,

लखनऊ। कर्मचारियों के विरोध पर लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्‍यक्ष ने अपने अनोखे फैसले को लागू होने के कुछ घंटे बाद ही वापस ले लिया। वीसी के फरमान वापस लेते ही सैकड़ों कर्मचारियों को अब रोज चार घंटे साइकिल नहीं चलानी पड़ेगी। उपाध्‍यक्ष का नया फैसला मालूम पड़ते ही कर्मचारियों ने प्रसन्‍नता जाहिर की है।

ये है पूरा मामला

बता दें कि एलडीए वीसी ने 28 जुलाई को बॉयोमेट्रिक की जांच की तो पता चला कि 1854 कर्मचारियों में से कुल 527 ही बॉयोमेट्रिक के जरिए अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे है। इस पर वीसी ने आदेश जारी कराया कि अगस्‍त का वेतन बॉयोमेट्रिक अटेंडेंस के हिसाब से ही मिलेगा।

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कल यह आदेश एलडीए के सभी पार्कों और योजनाओं में काम कर रहे कर्मचारियों तक पहुंचा तो आज बसंतकुंज, जानकीपुरम विस्‍तार, दुब्‍बगा स्थित जॉगर्स पार्क, शारदानगर समेत तमाम योजनाओं और पार्कों में काम कर रहे माली, सुपरवाइजर, मेट, चौकीदार तक अपनी हाजिरी लगाने एलडीए के गोमतीनगर स्थित कार्यालय पहुंचे। एलडीए पहुंचने वाले ज्‍यादतर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने साईकिल और टैम्‍पों का सहारा लिया था। कार्यालय पहुंचने पर कर्मचारियों ने दबी जबान में वीसी के फैसले पर नाराजगी के साथ हैरानी जताई थी।

अनोखा फैसला
एलडीए कार्यालय बॉयोमेट्रिक अटेंडेंस लगाते कर्मचारी।

बड़ी संख्‍या में कर्मचारी तो लौटे ही नहीं

सुबह दस बजे बॉयोमेट्रिक हाजिरी लगाने के बाद जॉगर्स पार्क, प्रबंधनगर समेत अन्‍य जगाहों पर कार्यरत बड़ी संख्‍या में कर्मचारी वापस ही नहीं गए। कर्मचारियों का कहना था कि करीब एक से डेढ़ घंटा साइकिल चलाने के बाद यहां तक पहुंचे है, अगर अब वापस जाएंगे तो कार्यस्‍थल पर कब पहुंचेंगे इसके अलावा शाम को फिर से यही हाजिरी लगानी है।

कर्मचारी संघ ने जताया था विरोध

कर्मचारियों की समस्‍या को देखते हुए एलडीए कर्मचारी संघ के अध्‍यक्ष शिव प्रताप सिंह और महामंत्री दिनेश शुक्‍ला ने एलडीए सचिव जयाशंकर दूबे से मिलकर कर्मचारी और एलडीए के हित में फैसले पर दोबार विचार-विमर्श की बात कहते हुए विरोध जताया। कर्मचारी संघ का कहना था कि इस तरह से तो 20 किलोमीटर दूर तैनात कर्मचारी सुबह शाम मिलाकर कम से कम चार घंटे साइकिल ही चलाते रह जाएंगे। इससे कर्मचारियों का समय और श्रम तो बर्बाद होगा ही साथ ही में एलडीए का वर्किंग टाइम भी प्रभावित होगा।

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फैसले को रिवाइज कर दिया गया है, फील्‍ड में काम कर रहे अफसर और कर्मचारियों के अटेंडेंस की सही व्‍यवस्‍था अब उनके कार्यस्‍थल पर ही की जाएगी। प्रभु एन सिंह, एलडीए वीसी


इस फैसले से कर्मचारियों के साथ ही एलडीए को भी हानि होती। उपाध्‍यक्ष महोदय ने जिस तेजी से कर्मचारियों की समस्‍या समझी है उसके लिए कर्मचारी संघ उनको धन्‍यावद देता है।   शिव प्रताप सिंह, एलडीए कर्मचारी संघ अध्‍यक्ष