आरयू वेब टीम। विपक्षी एकता को झटका देते हुए शिवसेना ने राष्ट्रपति चुनाव से पहले यू टर्न लिया है। शिवसेना ने अब एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा की है। आज शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने यह ऐलान करते हुए सफाई दी है कि इसकी मतलब भाजपा का समर्थन नहीं है। उन्होंने कहा कि हम आदिवासी नेता के नाम पर द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर रहे हैं। इसके अलावा जनभावना का ख्याल रखते हुए भी यह फैसला लिया गया है।
संजय ने मीडिया के सामने अपना तर्क देते हुए कहा कि द्रौपदी मुर्मू का समर्थन शिवसेना इसलिए कर रही, क्योंकि जनभावना उनके साथ है। साथ ही उन्होंने संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को लेकर कहा कि हमारी सद्भावना उनके साथ है।
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गौरतलब है कि विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर जब मीटिंग हुई थी, तब उसमें शिवसेना ने भी हिस्सा लिया था, लेकिन अब चुनाव से ठीक पहले उसका फैसला विपक्षी एकता को भी एक झटके जैसा है।
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शिवसेना नेता ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने कल हुई सांसदों की मीटिंग में कहा कि देश में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अलग-अलग मत हैं, लेकिन द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी कैंडिडेट हैं।
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संजय राउत ने कहा कि यह देखना अहम है कि जनभावना क्या है। यह पहला मौका नहीं है, जब शिवसेना ने अपने गठबंधन से इतर उम्मीदवार का समर्थन किया है। इससे पहले 2007 में भी उसने एनडीए में रहते हुए यूपीए की कैंडिडेट प्रतिभा पाटिल को समर्थन दिया था। तब उसने मराठी नेता के नाम पर प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया था। इसके बाद 2012 में उसने प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था। अब वह महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ गठबंधन में है तो उसने एनडीए कैंडिडेट के समर्थन का ऐलान किया है।