आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। एलडीए में महीने में एक बार आयोजित होने वाले प्राधिकरण दिवस में जमकर हंगामा और प्रदर्शन हुआ। करीब डेढ़ दशक से प्लॉट के समायोजन के लिए एलडीए के अफसरों और इंजीनियरों के सामने मिन्नतें कर रहे पीडि़त पीरिवार के सब्र का बांध आज टूट गया। जिसके बाद नाराज परिवार ने प्राधिकरण दिवस में ही प्रदर्शन करते हुए एलडीए प्रशासन और एलडीए वीसी मुर्दाबाद के नारे लगाए। इस दौरान दूसरे आवंटियों ने भी एलडीए के खिलाफ आवाज बुलंद की।
ये था मामला
बंग्ला बाजार के भदरुख निवासी विजय कश्यप ने बताया कि करीब 15 साल पहले एलडीए ने उनके पुश्तैनी मकान के आगे और पीछे सड़कें बनवा दी थी। जिसके चलते उनके मकान और जमीन पर गंदा पानी जमा हो जाता है। करीब डेढ़ दशक के दौरान एलडीए में सैकड़ों बार शिकायत की गई, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला। एलडीए न तो उन्हें दूसरी जगह जमीन दे रहा है और न ही उन्हें अपनी ही जमीन पर निर्माण कराने दे रहा है।
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कुछ समय पहले एलडीए के इंजीनियरों ने उनकी जमीन के बदले दूसरी जगह प्लॉट देने का वादा किया था, लेकिन आज तक उसे भी पूरा नहीं किया। पिछली जनता अदालत में भी उन्हें आश्वासन ही मिला था उसके बाद आज भी एलडीए के अफसरों ने उनसे दो दिन की मोहलत मांगते हुए टरका दिया।
वीसी से कहा समस्या का हल नहीं कर सकते तो परिवार को भिजवा दे जेल
प्राधिकरण दिवस में पत्नी मंजू बेटे आशीष समेत करीब आधा दर्जन घरवालों के साथ विजय कश्यप पहुंचे थे। एलडीए उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह के सामने फरियाद सुनाने के बाद जल्द ही सामायोजन का आश्वसान मिला तो बेटा भड़ककर हंगामा करने लगा। जिसपर सुरक्षाकर्मियों ने उसे हॉल से बाहर निकाल दिया। हाल के बाहर निकालने से नाराज आशीष ने एलडीए प्रशासन और एलडीए उपाध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। जिसके बाद कई सालों से बसंतकुज आश्रयहीन कॉलोनी में कब्जा पाने के लिए भटक रहे आंवटियों ने भी हंगामा शुरू कर दिया। मामला बिगड़ता देख एलडीए सचिव जयशंकर दूबे, संयुक्त सचिव महेन्द्र कुमार मिश्रा, नजूल अधिकारी विश्वभूषण मिश्रा ने किसी तरह लोगों को शांत कराया।
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हालांकि मामला पक्ष में नहीं होता देख जनता अदालत में एलडीए उपाध्यक्ष के पास पहुंचे पीडि़त परिवार ने फिर से हंगामा करना शुरू दिया। एलडीए उपाध्यक्ष के समझाने पर पीडि़त परिवार ने कहा कि गंदगी के चलते घर के दो मासूम अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं। एलडीए उनके घर का बॉथरूम तक तोड़वा चुका है, दूसरी ओर गंदगी और बदबू ने जीना दुश्वार कर दिया है। वीसी अगर उनकी समस्याओं का हल नहीं कर सकते तो पूरे परिवार को जेल ही भिजवा दें।
सारे काम बाद में तो फिर प्राधिकरण दिवस क्यों
लंबे समय से एलडीए की वादा खिलाफी झेल रहे आवंटियों ने आज हंगामें के दौरान एलडीए के प्राधिकरण दिवस आयोजित करने के औचित्य पर ही सवाल उठा दिया। आवंटियों का कहना था कि जब सारे मामले बाद में ही हल करने का आश्वासन हमेशा दिया जाता है तो फिर एलडीए में प्राधिकरण दिवस का क्या काम।
पहुंचे 71 फरियादी
वहीं दूसरी ओर आज प्लॉट पर कब्जे, अवैध निर्माण, रजिस्ट्री आदि से संबंधित कुल 71 मामले प्राधिकरण दिवस में पहुंचे। जिनमें से अधिकतर सालों जबकि कई दशकों पुराने थे। एलडीए के अफसरों के अनुसार उन्होंने छह मामलों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया। बाकी के मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।
प्राधिकरण दिवस में अपर सचिव अनिल भटनागर, ओएसडी राजेश कुमार शुक्ल, व्यवस्थाधिकारी अशोक पाल सिंह समेत अन्य अफसर व इंजीनियर भी मौजूद रहे।
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