आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष की कार्रवाई और चेतावनियों के बाद भी एलडीए के कर्मचारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे है। यहीं वजह है कि आज एलडीए में आयोजित जनता अदालत में पहुंचे फरियादियों ने एलडीए के जिम्मेदारों पर गंभीर आरोप लगाए।
जनता अदालत में पति के साथ गुहार लगाने पहुंची सवित्री देवी ने कहा कि बसंत कुंज आश्रय हीन कॉलोनी में एलडीए ने उन्हें नवंबर 2007 में भवन संख्या एस 2/357 आवंटित किया था। फरवरी 2010 तक उन्होंने यूको बैंक में मकान की किश्त भी भरी।
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इसके बाद बाबू ने उनकी फाइल गुम कर दी। मकान आवंटन के करीब दस साल भी आज तक एलडीए ने उन्हें मकान पर कब्जा नहीं दिया। सावित्री देवी ने आरोप लगाया कि बाबू शैलेन्द्र श्रीवास्तव अब काम आगे बढ़ाने के लिए 50 हजार रुपए की मांग कर रहा है। वह घरों में झाड़ू-पोंछा करती है, जबकि उनका पति चौकीदारी कर परिवार का पेट पालता है। इन परिस्थितियों में बाबू को पैसा नहीं देने के चलते आज तक उसको दौड़ाया जा रहा है।
नौ साल पहले जमा किया पैसा कब्जा आज तक नहीं
वहीं दूसरी ओर दिल्ली से जनता अदालत में पहुंचे चंद्रेश खन्ना ने बताया कि 2002 में गोमतीनगर विस्तार का प्लॉट संख्या 4/ 251 उनकी मां ज्योति खन्ना के नाम एलॉट किया गया था। पूरा पैसा जमा करने के बाद एलडीए ने 5 दिसंबर 2008 को प्लॉट की रजिस्ट्री भी कर दी, लेकिन आज तक कब्जा नहीं दिया। चंद्रेश ने बताया कि उनकी मां की उम्र अधिक होने के बाद वह एलडीए नहीं आ पाती हैं। जबकि दिल्ली में नौकरी करने के बाद भी उन्हें यहां आकर एलडीए के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
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यह दो मामले तो महज बानगी है। एलडीए के अफसर, इंजीनियर और बाबूओं की कारस्तानी के चलते आज कुल 90 फरियादी एलडीए पहुंचे। जिनमें से अधिकतर कई सालों और कुछ तो दशक भर से ज्यादा समय से एलडीए के चक्कर लगा रहे है।
एलडीए पीआरओ अशोक पाल सिंह ने बताया कि 11 मामलों का मौके पर ही निस्तारण करने के साथ ही एलडीए वीसी ने बाकी के फरियादियों की समस्या जल्द से जल्द सुलझाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। जनता अदालत में उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह, सचिव जय शंकर दूबे, अपर सचिव अनिल भटनागर, मुख्य अभियंता ओपी मिश्रा, विशेष कार्याधिकारी राजेश कुमार शुक्ल, संयुक्त सचिव एनएन सिंह समेत अन्य लोग मौजूद रहें।
आवंटी ने पैसा मांगने की बात मुझ से नहीं की है, शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
एलडीए वीसी, प्रभु एन सिंह