एलडीए का सार्टिफिकेट पार्श्‍वनाथ बिल्डर के लिए बना वरदान! आवंटी परेशान

पार्श्वनाथ प्लेटनेट
आवंटियों के साथ मीटिंग करते एलडीए के अफसर, इंजीनियर व अन्य।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। आवंटियों के भारी विरोध के बाद भी लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा विभूति खण्‍ड स्थित पार्श्‍वनाथ प्‍लेटनेट के तीन टावरों को दिया गया कंप्‍लीशन सर्टिफिकेट बिल्‍डर के लिए वरदान साबित हो रहा है। दूसरी ओर एक अद्द आशियाने के लिए लाखों रुपए खर्च कर अपने फ्लैट में सुकून से रहने की जगह आवंटी एलडीए के अफसर इंजीनियरों के सामने आज भी गणेश परिक्रमा कर रहे हैं।

उपाध्‍यक्ष प्रभु एन सिंह के बुलावे पर बुधवार को एलडीए पहुंचे करीब दर्जनभर आवंटियों ने पार्श्‍वनाथ प्‍लेटनेट व सुरक्षा एजेंसी के अधिकारी, एलडीए के इंजीनियर व वित्‍त नियंत्रक के साथ बैठक कर अपनी समस्‍याएं बताई।

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आवंटी आलोक सिंह ने आरोप लगाया कि बिल्‍डर प्रेम में फंसे एलडीए द्वारा नियम और आवंटियों के अधिकारों को ताक पर रखकर जारी किए गए कंप्‍लीशन सर्टिफिकेट ने बिल्‍डर को मनमानी करने की खुली छूट दे दी है। यही वजह है कि पैसा जमा करने के बाद भी लेसा उन लोगों की दो बार बिजली काट चुका है, जबकि आवंटियों से वसूली करने के बाद भी एजेंसी को तीन महीने का पेमेंट नहीं किए जाने के चलते दो दिन पहले पार्श्‍वनाथ प्‍लेटनेट से एजेंसी ने सुरक्षाकर्मी, लिफ्टमैन हाउस कीपिंग की दूसरी सुविधाएं भी हटा ली।

ये बातें हुई फाइनल-

आवंटियों ने बताया कि एलडीए में करीब तीन घंटे चली मीटिंग में तय हुआ है कि बिल्‍डर आवंटियों को मिलने वाली समस्‍त तय सुविधाओं को कल से शुरू करवाने के साथ ही समस्‍त परीक्षण कार्य पूरे होने तक जारी रखेगा। बिजली का बिल समय से जमा करने के अलावा बिल्‍डर मेंटेनेंस एजेंसी का बकाया तय समय पर चुकाएगा। इसके साथ ही आवंटियों द्वारा जमा किए गए मेंटेनेंस और कॉपर्स फंड का ब्‍यौरा गुरुवार को एलडीए में पेश करेगा।

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जानें मामला-

बताते चलें कि पार्श्‍वनाथ प्‍लेटनेट को 2009 में आवंटियों को फ्लैट पूरा कर उन्‍हें सौंपना था। जबकि 2018 आ जाने के बाद भी ऐसा नहीं हो सका। इस बीच एलडीए के अफसर और इंजीनियरों ने सात अधूरे टॉवरों को ही कंप्‍लीशन सर्टिफिकेट दे दिया। बीती जनवरी में आवंटियों ने एक प्रेसवार्ता कर एलडीए की मनमानी मीडिया के सामने रखते हुए सार्टिफिकेट रद्द करने की मांग करने के साथ ही बाकी बचे तीन टॉवरों को भी एलडीए द्वारा गुपचुप ढंग से सार्टिफिकेट देने की आशंका जतायी थी।

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12 जनवरी को एलडीए ने उनकी आशंकाओं पर मोहर लगाते हुए 45 दिनों में बाकी बचा काम पूरा करने की शर्तों के साथ तीन टावरों को भी कंप्‍लीशन सर्टिफिकेट दे दिया था। तय समय सीमा पूरी होने पर आवंटियों की समस्‍याएं दूर होने की जगह बिजली और सुरक्षा संबंधी समस्‍याओं के रूप में बढ़ती चली गयी, जिसके बाद से एक बार फिर आवंटियों ने एलडीए अफसर इंजीनियरों को मनाना शुरू कर दिया।

बुधवार की मीटिंग में ये रहें मौजूद-

एलडीए के वित्‍त नियंत्रक राजीव कुमार, तीन टॉवरों का सार्टिफिकेट जारी करने वाले तत्‍कालीन अधिशासी अभियंत (वर्तमान एसी) चक्रेश जैन, सार्टिफिकेट जारी करने से पहले टॉवरों का निरीक्षण कर हरि झंडी देने वाले एई दिवाकर त्रिपाठी, जेई वीके गुप्‍ता, पार्श्‍वनाथ प्‍लेटनेट के प्रॉजेक्‍ट एवं मार्केटिंग मैनेजर रामेश थापर व आवंटी आलोक सिंह, प्रियंका जौहरी, मुक्‍ता मंनचंद, आनंद प्रकाश अग्रवाल, मनीषा शुक्‍ला, रजनी अग्रवाल, मामली मुखर्जी, प्रशांत सिंह, शंभू गुप्‍ता, प्रदीप मुखर्जी, दिलीप कुमार आदि मौजूद रहें।

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पार्श्‍वनाथ से आवंटियों को मिलने वाली सुविधाओं को शुरू करवाने के साथ ही आवंटियों से जुड़ी डिटेल मांग गयी है। डिटेल आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। रही बात सार्टिफिकेट की तो इसे आंशिक रूप से जारी किया गया है। बिल्‍डर के मनमानी करने पर उसे भी रद्द किया जा सकता है।    चक्रेश जैन, अधीक्षण अभियंता एलडीए

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