आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। सामायोजन रद होने के बाद समान कार्य, समान वेतन की मांग को लेकर तीन दिनों से राजधानी में प्रदर्शन कर रहे शिक्षा मित्रों से आखिरकार आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुलाकात कर ही ली।
पांच कालिदास पर शिक्षामित्रों के प्रतिनिधि मंण्डल से मिलने के दौरान सीएम के सकारात्मक रूख के चलते अब शिक्षामित्रों ने अपना आंदोलन स्थागित करने की घोषणा कर दी है।
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उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष गाजी इमाम आला और आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेन्द्र शाही के नेतृत्व में शिक्षामित्रों के प्रतिनिधि मंडल ने एक घंटे से ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता कर शिक्षामित्रों की मांगों और उसके औचित्य के बारे में बात की। वार्ता में अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा भी मौजूद रही।
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इस दौरान प्रतिनिधमंडल ने अपना प्रत्यावेदन भी सीएम को सौंपा। वार्ता के बाद गाजी इमाम आला ने मीडिया को बताया कि मुख्यमंत्री से सामान काम, सामान वेतन के तहत सामाज कल्याण के आश्रम पद्धति के साथ ही एनसीटीई के पैरा चार में संशोधन के लिए मानव विकास मंत्रालय को प्रस्ताव भेजने समेत चार सूत्रीय मांगों पर सहमति बनी है। तय समय में अगर मांग पूरी नहीं होती है तो हम लोग एक बार फिर सड़कों पर उतरकर पहले से बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद ही हम लोगों के मामले की मॉनिटरिंग कर रहे है, इसलिए उम्मीद है कि शिक्षामित्रों को फिर से सड़क पर नहीं उतरना होगा।
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वहीं जितेन्द्र शाही ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हम लोगों की मांगे मान ली है। इसके साथ ही तीन सदस्यी कमेटी बनाकर उन्होंने अपने सचिव को मामले पर तत्काल कार्यवाही करने का आदेश भी दिया है। उन लोगों की तीन दिन बाद एक बार फिर सीएम से मुलाकात होगी। सीएम से मिलने वालों में प्रांतीय मंत्री अवनीश सिंह, संरक्षक शिवकुमार शुक्ला समेत रीना सिंह, दीना नाथ दीक्षित, जावेद भी शामिल रहें।
शिक्षामित्रों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है योगी सरकार
दूसरी तरफ योगी सरकार के प्रवक्ता ने एक विज्ञप्ति के जरिए मीडिया को बताया कि शिक्षामित्रों की समस्याओें के समाधान के लिए सर्वमान्य रास्ता निकालने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिक्कतों के निदान के लिए आवश्यक है कि शिक्षामित्रों के सभी प्रतिनिधियों के स्तर से राज्य सरकार को एकमत प्रत्यावेदन पर आवश्यक विचार-विमर्श कर समाधान निकाला जाए। वहीं उन्होंने यह भी दावा किया कि योगी सरकार शिक्षामित्रों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है।
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आज शिक्षामित्रों की थी जेल भरो आंदोलन की तैयारी
बता दें कि तीन दिनों से राजधानी में सत्याग्राह आंदोलन कर रहे एक लाखा से ज्यादा शिक्षामित्रों ने आज जेल भरो आंदोलन शुरू करने का एलान किया था। जिसको देखते हुए बड़ी संख्या में एंबुलेंस और बसे लक्ष्मण मेला मैदान के आसपास पुलिस व प्रशासन ने लगा रखी थी। प्रशासन को डर था कि इतनी बड़ी संख्या में अगर शिक्षामित्र सड़कों पर जेल भरो आंदोलन के लिए चल पड़े तो यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगी। उन्हीं को रोकने के लिए बड़ी संख्या में वाहनों और पुलिस बल का इंतजाम किया गया था। हालांकि शिक्षामित्रों के रुख को देखते हुए सीएम ने इससे पहले ही उनसे वार्ता कर ली।
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बारिश में भीगते रहे पर नहीं डिगा हौसला
आज दोपहर में एकाएक बारिश शुरू हो जाने के बाद लक्ष्मण मेला में पर्याप्त टेंट का इंतजाम नहीं होने की वजह से हजारों की संख्या में शिक्षामित्र भीगते रहे। बरसात शुरू होते ही एक बार तो पुलिस व प्रशासन ने शिक्षामित्रों के तितर-बितर होने की आशंका पर कुछ राहत की सांस ली, लेकिन शिक्षामित्रों के भीगने के बाद भी अपनी जगह अडिग रहने पर उनकी सोच गलत साबित हुई।
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