आरयू ब्यूरो, लखनऊ। अपने अटपटे बयानों को लेकर अकसर विवादों में रहने वाले मथुरा के कथावाचक अनिरुद्धाचार्य शुक्रवार को एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं, हालांकि आज उन्होंने कोई विवादित बयान नहीं दिया है। दरअसल शुक्रवार को मथुरा के वृंदावन क्षेत्र स्थित उनके गौरी गोपाल आश्रम के बाहर ही दो महिलाओं की लाश मिली है।
एक साथ दो महिलाओं की लाश पड़ी देख क्षेत्र में हड़कंप मच गया, लोग तरह-तरह की चर्चा व आरोप लगाने लगे इस बीच सूचना पाकर वृंदावन पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी। पुलिस ने क्षेत्रिय लोगों में घटना के प्रति असंतोष पनपता देख तत्काल दोनों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
महिलाओं की मौत कैसे हुई इस बारे में फिलहाल पुलिस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ होने की बात कह रही है। दूसरी ओर लोग आश्रम प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए महिलाओं की हत्या किए जाने की आशंका जता रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार एक महिला का शव मिलता तो इसे एक बार समान्य समझा भी जा सकता था, लेकिन दो महिलाओं की एक साथ एक ही जगह पर स्वाभाविक मौत हो जाए, यह लगभग नामुमकिन है।
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बताया जा रहा है कि वृंदावन कोतवानी क्षेत्र की संत कॉलोनी में भागवत कथावाचक अनिरुद्धाचार्य का गौरी गोपाल आश्रम है। शुक्रवार की सुबह आश्रम के दो महिलाओं की लाश पड़ी देख लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस को छानबीन में पता चला कि एक महिला लखनऊ निवासी चंपा गुप्ता है, जबकि दूसरी की पहचान बिहार की सुशील देवी के रुप में हुई। अलग-अलग राज्यों की महिलाओं की एक ही जगह एक साथ मौत होने की गुत्थी देख पुलिस का भी माथा चकरा गया। फिलहाल मथुरा पुलिस बस इतना ही कह पा रही है कि महिलाओं के शव को वृंदावन पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।
हाई प्रोफाइल कथावाचक से मामला जुड़ा होने के चलते मथुरा पुलिस के अफसर अपना बयान जारी करने व खुलकर बोलने से भले ही बच रहें हों, लेकिन स्थानीय लोग घटना के तार कहीं न कहीं आश्रम से जुड़ता देख रहें हैं।
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स्थानीय लोगों का आरोप है कि महिलाओं की मौत का जिम्मेदार गौरी गोपाल आश्रम प्रबंधन है। बाबा मनमोहन दास ने मीडिया को बताया कि अनिरुद्धाचार्य द्वारा महिलाओं की सेवा, भोजन वितरण आदि सेवाओं का प्रचार प्रसार तो खूब किया जाता है, लेकिन आश्रम में कथा सुनने आने वाले श्रद्धालुओं के विश्राम की कोई व्यवस्था तक नहीं की जाती है। उनके साथ बुरा बर्ताव किया जाता है। आरोप यह भी है कि आश्रम में रात में श्रद्धालुओं को रुकने तक नहीं दिया जाता। आश्रम के लोग महिलाओं को पीटकर बाहर भगा देते हैं, जिससे श्रद्धालुओं को बाहर सोना पड़ता है।
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बताते चलें कथावाचक अपने बयानों को लेकर अकस विवादों में घिरे रहते हैं, हाल ही में अनिरुद्धाचार्य महिलाओं की सुंदरतो को ही उनका दोष बताकर नया बखेड़ा खड़ा कर दिया था। अनिरुद्धाचार्य ने अपने एक कार्यक्रम में मंच से कहा था कि आपको पता है स्त्री का ज्यादा सुंदर होना गुण नहीं है, स्त्री का जरूरत से ज्यादा सुंदर होना दोष है। आगे उदारहण देते हुए अनिरुद्धाचार्य ने यहां तक कह दिया था कि माता सीता का हरण जरूरत से ज्यादा सुंदर होने की वजह से हुआ था, द्रौपदी की भरी सभा में साड़ी क्यों खीचीं गयी, क्योंकि द्रौपदी भी जरूरत से ज्यादा सुंदर थीं। अनिरुद्धाचार्य के बयान का वीडियो वॉयरल होने के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने इस बयान को महिलाओं का अपमान और आस्था पर ठेस पहुंचाने वाला बताते हुए कार्रवाई की मांग की थी।