आरयू ब्यूरो, लखनऊ। फर्जी रजिस्ट्री करने वालों पर कार्रवाई करने व उनके चंगुल से अपने प्लॉट छुड़ाने में असहाय नजर आ रहें एलडीए के अफसर सालों से भटक रहे आवंटियों को भी उनका प्लॉट देने में नाकाम हैं। गुरुवार को एलडीए में आयोजित जनता अदालत में आएं आवंटियों ने न सिर्फ अधिकारियों की कार्य प्रणाली की पोल खोली, बल्कि यह भी बताया कि आवंटन के 15 साल बाद भी उनके प्लॉट की रजिस्ट्री कराने की जगह योजना का काम देखने वाले बाबू उन्हें किसी न किसी बहाने से लगातार छह साल से दौड़ा रहें।
आज जनता अदालत में एलडीए वीसी को प्रार्थना पत्र देते हुए बुजुर्ग ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि साल 2007 में उन्हें प्रियदर्शनी योजना के सेक्टर बी स्थित प्लॉट नंबर 3/199 का एलडीए की ओर से आवंटन किया गया था, लेकिन पूरा पैसा जमा करने के बाद भी आज तक प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं की गयी।
आवंटी ने आरोप लगाते हुए कहा कि छह साल से वह एलडीए के लगातार चक्कर लगा रहा, लेकिन पूर्व में योजना का काम देखने वाले बाबू एमएन ओझा, रामकुमार त्रिपाठी, अंजुम दानिश व राजीव दिग्वे के पास उनकी फाइल घूमती रही जो वर्तमान में अमित श्रीवास्तव के पास है।
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कुछ समय पूर्व बाबू दानिश ने बताया कि उनकी फाइल गायब हो गयी। इसके बाद उनसे एक बार फिर सारे ओरिजनल डॉक्यूमेंट मांगे गए, साल 2007 से 2016 के बीच जमा पैसों की बैंक चालान प्रमाणित कराने को कहा गया, लेकिन यह सब कराने के बाद भी रजिस्ट्री करने की जगह बाबू ने कहा कि आपकी फाइल अब मिल गयी है और एक बार फिर से उन्हें एलडीए में प्लॉट की रजिस्ट्री कराने का क, ख, ग सिखाया जा रहा।
आवंटी के अनुसार उन्होंने एलडीए के सालों चक्कर लगाने के दौरान योजना का काम देख रहे उप सचिव से भी कई बार मुलाकात कर रजिस्ट्री कराने का निवेदन किया, लेकिन वहां से भी कोई नतीजा नहीं निकला।
ज्ञान प्रकाश ने अब वीसी से निवेदन करते हुए कहा कि वह पेंशनभोगी हैं, इसलिए उन्हें अब और न दौड़ाया जाए। आवंटी के निवेदन पर वीसी ने संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द इस मामले में कार्रवाई का निर्देश दिया है।
साल 2006 में प्लॉट का आवंटन कब्जा आज भी नहीं
वहीं कृष्णाकनगर निवासी आवंटी संतोष गुप्ता ने भी जनता अदालत में लंबे अर्से बाद भी अपना प्लॉट नहीं मिलने की समस्या सुनाईं। संतोष गुप्ता के अनुसार मानसरोवर योजना के सेक्टर ओ में उन्हें साल 2006 में एक प्लॉट आवंटित हुआ था, लेकिन पूरा पैसा जमा करने के बाद भी अभी तक उन्हें प्लॉट नहीं मिला है, जबकि वह कई बार जनता अदालत में भी गुहार लगा चुकी हैं। आवंटी ने वीसी से निवेदन करते हुए कहा है कि मौके पर विवाद के चलते अन्य आवंटियों की तरह उन्हें भी किसी अन्य योजना में सामायोजित कर दिया जाए।
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सुलभ आवास के निर्माण में भ्रष्टाचार, आवंटी परेशान
इसके अलावा सुलभ आवास ट्रांस्पोयर्ट नगर के आवंटियों ने जनता अदालत में आवास के निर्माण में भ्रष्टाचार होने की शिकायत की। आवंटी शशिकांत शुक्ल के अनुसार आवासों में पीने के पानी के सप्लाई की व्यवस्था ही नहीं है। आवासों की छतों से पानी टपक रहा, बाथरूम में लिकेज हो रही, प्लास्टर उखड़ गए हैं, जबकि छतों की ढलाई में भी भ्रष्टाचार किया गया है। पूर्व में इंजीनियरों ने निरीक्षण कर सभी दिक्कत दूर करने का आश्वासन दिया था, लेकिन फिर वह लौटकर नहीं आए।
अपार्टमेंट में शुरू कराएं लिफ्ट, बच्चे व बुजुर्गों को हो रही खास दिक्कत
इसके साथ ही कानपुर रोड स्थित दीप शिखा आपर्टमेंट की आवंटी सीमा यादव ने शिकायत कर अपार्टमेंट में लिफ्ट शुरू कराने की मांग की है। सीमा यादव ने बताया कि लिफ्ट की व्यवस्था नहीं होने के चलते खासकर बुजुर्ग-बच्चे व गर्भवती महिलाओं को तीसरे व चौथे मंजिल पर जाने में काफी दिक्कतें हो रहीं हैं।
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एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी व सचिव पवन कुमार गंगवार ने जनता अदालत में जन सामान्य की समस्याओं को विस्तारपूर्वक सुना। इस दौरान नेपियर रोड कालोनी निवासी अरविंद कुमार सिंह ने मकान की रजिस्ट्री के संबंध में प्रार्थना पत्र दिया, इसी तरह मिर्जापुर निवासी जाहिदा बेगम ने जानकीपुरम विस्तार के सेक्टर-जे में उन्हें आवंटित भूखंड की रजिस्ट्री के लिए आवेदन किया, जिस पर उपाध्यक्ष ने सात दिन में कार्यवाही कराने के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।
इसके अतिरिक्त चौक निवासी सुनील कुमार सिंह ने सराय माली खां, हरदोई रोड स्थित नजूल भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत की, जिस पर उपाध्यक्ष द्वारा स्थल निरीक्षण व अभिलेखों के परीक्षण के लिए तत्काल टीम गठित की। वहीं मालवीय गंज निवासी एससी मेहरोत्रा ने बसंतकुंज योजना के सेक्टर-एन में भूखण्ड की रजिस्ट्री के लिए प्रार्थना दिया, जिस पर उपाध्यक्ष ने सात दिन में कार्यवाही करने को कहा।
40 में से 12 प्रकरणों का मौके पर निस्तारण
अपर सचिव के अनुसार जनता अदालत में रजिस्ट्री, फ्री-होल्ड, सीमांकन, कब्जे व एनओसी व अन्य से संबंधित कुल 40 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से 12 प्रकरणों का मौके पर ही निस्तारण किया गया। शेष 28 प्रकरणों के निस्तारण के सम्बंध में उपाध्यक्ष ने समय सीमा निर्धारित करते हुए सम्बंधित अधिकारियों को कार्यवाही के लिए निर्देशित किया है।
इस मौके पर वित्त नियंत्रक दीपक सिंह, जोनल अधिकारी अरुण कुमार सिंह, व श्रद्धा चौधरी, नजूल अधिकारी अरविंद त्रिपाठी, उप सचिव माधवेश कुमार, तहसीलदार शशिभूषण पाठक समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।