आरयू वेब टीम। शुक्रवार को श्रीहरिकोटा में भारत का पहला निजी रॉकेट ‘विक्रम-एस’ का सफल प्रक्षेपण हुआ है। ये ‘स्काईरूट एयरोस्पेस’ द्वारा बनाया गया है, जिसके मिशन का नाम ‘प्रारंभ’ रखा गया है। ‘विक्रम-एस’ रॉकेट ने श्रीहरिकोटा में आज पूर्वान्ह 11:30 बजे इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी है।
आइएनएसपीएसीई के अध्यक्ष पवन कुमार गोयनका ने मीडिया को बताया कि मुझे मिशन प्रारंभ – स्काईरूट एयरोस्पेस की शुरुआत के सफल समापन की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह भारत के निजी क्षेत्र के लिए नई शुरूआत है जो अंतरिक्ष के क्षेत्र में कदम रखने जा रहे हैं और एक ऐतिहासिक क्षण हैं।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह ने कहा कि यह भारत के स्पेस इकोसिस्टम को विकसित करने के लिए एक बड़ा कदम है और विश्व समूह के समुदाय में एक सीमावर्ती राष्ट्र के रूप में भी उभर रहा है। यह भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
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बता दे कि इसे ‘स्काईरूट एयरोस्पेस’ ने विकसित किया है। एक नई शुरुआत के प्रतीक के रूप में इस मिशन को ‘प्रारंभ’ नाम दिया गया है। विक्रम-एस ने, चेन्नई के स्टार्ट-अप ‘स्पेस किड्ज’, आंध्र प्रदेश के स्टार्ट-अप ‘एन-स्पेस टेक’ और आर्मेनियाई स्टार्ट-अप ‘बाजूमक्यू स्पेस रिसर्च लैब’उपग्रहों को लेकर अंतरिक्ष में उड़ान भरी।
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इस लॉन्च के लिए स्काईरूट और इसरो के बीच समझौता हुआ है। स्काईरूट के सीओओ और सह-संस्थापक नागा भरत डाका ने बताया कि विक्रम-एस रॉकेट सिंगल स्टेज का सब-ऑर्बिटल लॉन्च व्हीकल है। जो अपने साथ तीन कॉमर्शियल पेलोड्स लेकर जा रहा है।