आरयू वेब टीम। झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का 56 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में गुरुवार को अंतिम सांस ली। दरअसल जगरनाथ महतो लंबे समय से बीमार चल रहे थे। हाल ही में उन्हें बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर चेन्नई भेजा गया था। महतो को झारखंड में ‘टाइगर’ कहा जाता था।
निधन पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए ये जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा, ‘हमारे टाइगर जगरनाथ दा नहीं रहे। आज झारखंड ने अपना एक महान आंदोलनकारी, जुझारू, कर्मठ और जनप्रिय नेता खो दिया। चेन्नई में इलाज के दौरान आदरणीयवे जगरनाथ महतो जी का निधन हो गया। परमात्मा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवार को दुःख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दे।’
बजट सत्र के दौरान बिगड़ी थी तबीयत
शिक्षामंत्री जगरनाथ महतो पिछले साल कोरोना पॉजिटिव हुए थे। करीब एक महीने तक रांची में उनका इलाज चला था। जिसके बाद उनका लंग्स ट्रांसप्लांट किया गया। लंग्स ट्रांसप्लांट के बाद वे करीब चार महीने तक चेन्नई में इलाजरत रहे। स्वस्थ होने के बाद वे झारखंड वापस आए। झारखंड वापस आने के बाद वे सामान्य रूप से काम कर रहे थे।
वहीं 14 मार्च को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। जिस कारण उन्हें रांची के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि बाद में सीएम सोरेन की सलाह पर उन्हें तत्काल एयरलिफ्ट करके चेन्नई ले जाया गया था। चेन्नई के अस्पताल में डॉक्टर्स की निगरानी में उनका इलाज चल रहा था, लेकिन गुरुवार सुबह 8.40 बजे उनका निधन हो गया। शिक्षा मंत्री के निधन की खबर से झारखंड के राजनीति गलियारों में शोक की लहर है। सभी दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
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बता दें कि महतो ने झारखंड आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। उनका जन्म एक जनवरी 1967 को हुआ था। जगरनाथ शुरू से ही झारखण्ड मुख्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता रहे हैं। टाइगर जगरनाथ महतो अकेले ऐसे नेता हैं जो हमेशा से ही जेएमएम का दामन थामे रहे। जगरनाथ महतो डुमरी विधानसभा से चुनाव लड़ते थे। लगातार तीन बार विधायक बने। वह झारखण्ड के शिक्षा मंत्री के साथ-साथ शराब निषेध मंत्री भी थे।