आरयू वेब टीम। विपक्ष के तमाम विरोध व बहिष्कार के बीच रविवार को आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन कर दिया है। संसद के उद्घाटन पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन-पूजन के कार्यक्रम के बीच पीएम मोदी ने सेंगोल यानी राजदंड को नए भवन में लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास स्थापित किया। सेंगोल स्थापित करने के बाद नई संसद में सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन हुआ। जिसमें अलग-अलग धर्मों से जुड़े धर्मगुरुओं और विद्वानों ने अपनी-अपनी पूजा विधियों से प्रार्थना की।
इस दौरान हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध व जैन धर्म की प्रार्थनाएं पढ़ी गईं। दुआ पढ़े जाने के दौरान पीएम मोदी के साथ इस कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समेत मोदी सरकार की कैबिनेट के मंत्री और कई नेता मौजूद रहे।
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नई संसद के उद्घाटन कार्यक्रम से पहले पीएम मोदी को देश के कई मठों से आए अधीनम (पुजारियों) ने सेंगोल यानी राजदंड दिया। पीएम मोदी को राजदंड दिए जाने से पहले उन्होंने सेंगोल को साष्टांग दंडवत प्रणाम किया। राजदंड यानी सेंगोल को शक्ति, नीति और न्याय का प्रतीक माना जाता है। कहा जा सकता है कि यही वजह होगी, जिसके चलते पीएम मोदी राजदंड के आगे दंडवत नजर आए।