आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सड़क-गलियों में घूम रहे छुट्टा पशु लगातार दुर्घटना का कारण बन रहें हैं। योगी सरकार की तमाम कोशिश के बाद भी इस पर पूरी तरह से रोक नहीं लगने की वजह से बेगुनाह राहगीरों को भी पशुओं की चपेट में आने से जान से हाथ धोना पड़ रहा है। ऐसे में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज एक बड़ा बयान दिया है। छुट्टा पशुओं के मसले पर लगातार विपक्ष की आलोचना झेल रहे सीएम योगी ने अब छुट्टा पशुओं की समस्या में रोकथाम के लिए यूपी की जनता से सहायोग मांगा है।
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सीएम योगी ने आज एक उच्चस्तरीय बैठक में निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों के प्रबंधन और प्रदेश में दुग्ध उत्पादन/संग्रह की अद्यतन स्थिति की समीक्षा कर निर्देश देते हुए अधिकारियों से कहा है कि निराश्रित गोवंश संरक्षण का काम बिना समाज के सहयोग के कभी पूरा नहीं हो सकता है। निराश्रित गोवंश के संरक्षण में आम जन को सहयोग के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए।
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साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि गाय हमारी संस्कृति में पूजनीय है। बड़ी संख्या में लोग स्थानाभाव के कारण गो-सेवा नहीं कर पाते हैं। ऐसे परिवारों से एक निश्चित आर्थिक सहयोग लेकर उनके द्वारा चिन्हित गोवंश की निराश्रित गोआश्रय स्थल पर सेवा की जानी चाहिए। यदि गाय दूध दे रही है तो उसका उपयोग भी सम्बंधित परिवार को करने की अनुमति दें। इस संबंध में संबंधित विभाग द्वारा स्पष्ट नीति तैयार की जाए। निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में आवश्यकतानुसार अतिरिक्त शेड का निर्माण कराएं।
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साथ ही कहा, बेसहारा गोवंश संरक्षण की दिशा में सतत प्रयासों के संतोषप्रद परिणाम मिल रहे हैं। वर्तमान में 6889 निराश्रित गोवंश स्थलों में 11.89 लाख गोवंश संरक्षित हैं। हमें छोटे-छोटे निराश्रित गोवंश स्थलों के स्थान पर बड़े गोवंश स्थल उपयोगी हो सकते हैं। हमें नस्ल सुधार व गोबरधन प्लांट जैसे कार्यक्रमों को बढ़ाये जाने की जरूरत है।
नियोजित रूप से प्रोत्साहित करें
वहीं विकास खंड तथा जनपद स्तर पर स्थापित वृहद गो-आश्रय स्थल इस कार्य के लिए उपयोगी हो सकते हैं। इन्हें नियोजित रूप से प्रोत्साहित करें। हर विकास खंड व जनपद स्तर पर 4000-5000 गोवंश क्षमता के वृहद गोवंश स्थल के लिए स्थान चिन्हित किया जाए। प्रत्येक निराश्रित गो-आश्रय स्थलों पर केयर टेकर की तैनाती जरूर हो।
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नंदी के लिए पृथक व्यवस्था
आश्रय स्थल में नंदी के लिए पृथक व्यवस्था होनी चाहिए। टूटे हुए कैटल शेड की मरम्मत कराएं। गोवंश का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण भी होना चाहिए। योगी ने निर्देश दिया कि, निराश्रित गो आश्रय स्थलों में गोवंश के भरण पोषण की अच्छी व्यवस्था रहे। इसके लिये मॉनीटरिंग की आवश्यकता है। भूसा, हरा चारा, चोकर आदि की व्यवस्था समय से कर ली जानी चाहिए। सरकार की ओर से गो-आश्रय स्थलों को पर्याप्त धनराशि दी जा रही है। इस धनराशि का समुचित उपयोग हो।
ब्लॉक स्तर पर पशु चिकित्साधिकारी
साथ ही योगी ने कहा कि निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में व्यवस्था के निरीक्षण के लिए हर जनपद में नोडल अधिकारी तैनात किया जाए। ब्लॉक स्तर पर पशु चिकित्साधिकारी की जिम्मेदारी हो। जनपद स्तर पर व्यवस्था की साप्ताहिक समीक्षा करते हुए शासन को मासिक रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए। विधिवत सत्यापन के साथ ही निराश्रित गोआश्रय स्थलों के लिए धनराशि आवंटित कर दी जाए। पशुपालन, ग्राम्य विकास, पंचायती राज व नगर विकास विभाग अंतर्विभागीय समन्वय के साथ गो-आश्रय स्थलों में अच्छी सुदृढ़ व्यवस्था के लिए कार्य करें।