लखनऊ: आतंक का पर्याय बने साड़ ने घर के बाहर ले ली सेल्‍समैन की जान, शिकायत के बाद भी बैठा रहा नगर निगम, कालोनीवासियों में रोष

सांड का हमला
साड़ के हमले का शिकार सेल्समैन।

आरयू संवाददाता, 

पीजीआइ। आवारा पशुओं के प्रति नगर निगम की लापरवाही ने सूबे की राजधानी लखनऊ में रविवार की रात एक 45 वर्षीय सेल्‍समैन की जान ले ली है। पीजीआइ क्षेत्र की वृन्‍दावन कॉलोनी में घर के बाहर सामान लेने निकले सेल्‍समैन पर क्षेत्र में आतंक का पर्याय बन चुके साड़ ने हमला बोल दिया। बेकाबू साड़ ने सेल्‍समैन को दौड़ा-दौड़ाकर सींध मारने के साथ ही बुरी तरह से घायल कर दिया। घायल की चीख-पुकार सुन लोगों ने साड़ की पिटाई के बाद सेल्‍समैन को किसी तरह से उसके चंगुल से छुड़ाकर लोकबंधु अस्‍पताल में भर्ती कराया। जहां कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गयी। घटना से कालोनिवासियों में रोष व्‍याप्‍त है। लोगों का कहना था साड़ पहले भी कई लोगों को घायल कर चुका था, जिसकी शिकायत भी की गयी, लेकिन नगर निगम ने अनसुना कर दिया।

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प्राप्‍त जानकारी के अनुसार रायबरेली रोड स्थित वृन्‍दावन कॉलानी के सेक्‍टर पांच निवासी मनोज कुमार पाल (45) पानी फिल्‍टर करने वाली मशीन के सेल्‍समैन हैं। रविवार की रात वो अपने घर से कुछ सामान लेने के लिए कॉलानी में ही स्थित जनरल मर्चेंट की दुकान पर गए थे। सामान लेकर वो पैदल ही लौट रहे थे कि तभी घर के ही सामने एक साड़ ने उनपर हमला बोल दिया। जिससे बचने के लिए वो भागते रहें, लेकिन बौखलाया साड़ उन पर लगातार सींध से हमला करता रहा। ये देख आसपास के लोगों ने लाठी-ड़डे से वारकार साड़ को वहां से भगाकर मनोज को किसी तरह से साड़ से बचाया।

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हालांकि करीब 15 मिनट तक साड़ का हमला झेलने के बाद मनोज बुरी तरह से घायल हो चुके थे। उनके कमर, सिर, पीठ व पैर में गंभीर चोटें आई थीं और काफी मात्रा में खून बह चुका था। कॉलोनीवासियों ने गंभीर रूप से घायल मनोज को लोकबंधु अस्‍पताल पहुंचाया, जहां उपचार के दौरान कुछ ही देर में उसकी सांसें थम गयीं।

कॉलोनीवालों का कहना था कि साड़ पहले भी एक महिला, बच्‍ची व अन्‍य लोगों पर हमला कर उन्‍हें घायल कर चुका था, लेकिन शिकायत करने के बाद भी लग रहा था कि अधिकारी कान में तेल डाले किसी की जान जाने के इंतजार में ही बैठे थे।

वहीं स्थानीय पार्षद मुन्ना कुरील के अनुसार इस बारे में उन्‍होंने कई बार नगर निगम से भी शिकायत की है, लेकिन इसके बाद भी नगर निगम की टीम बेहद खतरनाक हो चुके साड़ को नहीं पकड़ सकी। नगर निगम की इस हरकत से कालोनी में लोगों को अब डर लगने लगा है। जबकि इतना कुछ होने और शिकायत के बाद भी नगर निगम का दस्‍ता कालोनी में आता भी था तो वसूली के चक्‍कर में दुधारू गाय व अन्‍य जानवरों को पकड़कर अपनी खानापूर्ति कर लेता है।


वहीं नगर आयुक्‍त इंदरमणि त्रिपाठी ने बताया कि वृन्‍दावन कॉलोनी अभी पूरी तरह से नगर निगम को हैंडओवर भी नहीं की गयी है। इसके बाद भी शिकायत मिलने पर आवारा जानवारों को नगर निगम का दस्‍ता लगातार पकड़ता था। कुछ समय पहले भी नगर निगम ने पूरे तेलीबाग एरिया में अभियान चलाकर 57 आवार जानवारों को पकड़ा था, जिसकी वीडियो रिर्काडिंग भी करवाई गयी थी। शिकायत मिलने पर लगातार नगर निगम कार्रवाई कर रहा है, जिसकी चलते सात महीना पहले 25 सौ जानवर थे और आज 15 हजार जानवर पकड़े जा चुके है। नगर निगम की भी अपनी एक क्षमता है।

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