आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। यदि भारतीय संस्कृति को बचाना है तो गाय और गंगा को बचाना होगा। लोग दूध पीकर गायों को सड़क पर छोड़ देते हैं। हर चीज को सरकार पर छोड़ देने से आंदोलन सफल नहीं होता है। एक परिवार के साथ एक गौ-वंश से 30 करोड़ गौ संरक्षित हो सकती है। प्रदेश में यह पहली सरकार है जिसने अवैध बूचडख़ाने बंद किये है।
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उक्त बातें विश्व हिंदु परिषद के गौरक्षा विभाग की ओर से निराला नगर में आयोजित गौ रक्षा अधिवेशन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में गौ-माता की उपयोगिता बताई गई है। गौरक्षा के लिए सरकार तो आगे आ गई है, अब समाज को गौ-माता की देखभाल के लिए आगे आना चाहिए। वहीं गौरक्षा में आने वाली समस्या के विषय में बोलते हुए सीएम ने कहा कि जगह-जगह सड़क पर गायों को छोडऩा सबसे बड़ी समस्या है। कोई भी सरकार गौशाला का संचालन नहीं कर सकती है।
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हर जिले में खुलेगी गौशाला
जल्द ही सरकार यूपी के 75 जिलों में गौशाला खोलेगी, लेकिन उसका संचालन जनता को ही करना पड़ेगा। इसके साथ ही हमारा प्रयास यह हो कि गाय सड़कों पर प्लास्टिक ना खाने पाए। स्थानीय स्तर पर कमेटी बनाकर संचालन हो, सरकार मदद करेगी। गोचर भूमि को चिन्हित कर रिसर्च सेंटर बनाएंगे।
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योगी ने आगे कहा कि उन्होंने कहा कि गौ-शालाओं के खोलने के लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका है। समाज जागरूक होगा तभी गौरक्षा तथा गौ-सरंक्षण आंदोलन सार्थक होगा। गोवंश पर आधुनिक शोध के अच्छे परिणाम आए हैं। गोरक्षण को जैविक खेती से जोड़ सकते हैं।
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इस अवसर पर योगी ने हर जिले में एक हजार गौ सेवकों को तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित कर कहा कि हमे गाय के सरक्षण के लिए काम करना होगा। यदि हर जिले में एक हजार गौ रक्षक तैयार होते हैं, तो पूरे प्रदेश में 75000 गौ रक्षक होंगे।
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विहिप के विभाग मंत्री देवेंद्र मिश्र ने इस आयोजन कि विषय पर बता करते हुए कहा कि गोवंश की रक्षा संघ परिवार का बहुत पुराना एजेंडा रहा है। प्रदेश में 1991 में पहली बार भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने पर इसी एजेंडे पर काम करते हुए उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग का गठन किया गया था। गौरक्षा अधिवेशन में गोसेवा और गौरक्षा से जुड़े संगठनों के देशभर के करीब 1200 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
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