आरयू वेब टीम। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को संजय सिंह की रिमांड और गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। एक अपील के जरिए प्रवर्तन निदेशालय ने याचिका का विरोध किया था। संजय को ईडी ने चार अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। 2021-22 के लिए रद्द की गई दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देते हुए पिछले हफ्ते उच्च न्यायालय का रुख किया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईडी का मनी लॉन्ड्रिंग मामला सीबीआई की एफआईआर से उपजा है और यह दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 को संशोधित करते समय किया गया था। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने आज शाम सिंह की याचिका खारिज कर दी। कहा गया कि ईडी एक प्रमुख जांच एजेंसी है और इसमें राजनीतिक उद्देश्यों को शामिल करने से देश की छवि पर असर पड़ सकता है।
अदालत ने आगे कहा कि इस स्तर पर रिकॉर्ड पर ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि दिनेश अरोड़ा (एक सरकारी गवाह जिसके बयानों ने सिंह की गिरफ्तारी में योगदान दिया) ने दबाव में या कानून का उल्लंघन करते हुए अपने बयान दिए थे।
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इसमें कहा गया है कि संजय सिंह के वकील की यह दलील कि आप नेता के खिलाफ सबूत लगाए गए थे, वर्तमान स्तर पर विचार नहीं किया जा सकता है। उच्च न्यायालय के समक्ष मामला ईडी द्वारा उनके आवास पर तलाशी के बाद चार अक्टूबर को सिंह की गिरफ्तारी से संबंधित है। पांच अक्टूबर को, उन्हें शुरू में दस अक्टूबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया था, जिसे बाद में 13 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया था। 13 अक्टूबर को, उन्हें 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। सिंह ने यह तर्क देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया कि उनकी गिरफ्तारी कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है।