आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी विहित प्राधिकारियों को भले ही अवैध निर्माण के केस को जल्द से जल्द निस्तारित करने का निर्देश देते रहें, लेकिन एलडीए विहित प्राधिकारी की कोर्ट में तारीख पर तारीख देने का खेल आज भी जारी है। इसका खुलासा गुरुवार को एलडीए में आयोजित वरिष्ठ नागरिक-दिव्यांगजन समाधान दिवस में हुआ है। एक बुजुर्ग महिला आवंटी ने समाधान दिवस में गुहार लगाते हुए आज कहा कि उनके पड़ोसी अवैध निर्माण करा रहें जिसकी कई बार शिकायत करने पर एलडीए में 33 महीने पहले वाद भी दर्ज किया गया था, लेकिन आज तक न तो अवैध निर्माण तोड़ा गया और न ही वाद का निस्तारण किया गया है, जिसके चलते उनके पूरे परिवार को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
यह है मामला-
एलडीए के जोन छह स्थित पेपर मिल कॉलोनी के आवास संख्या सी 37/12 की आवंटी सुनीता शर्मा ने समाधान दिवस में वीसी से अवैध निर्माण को रूकवाने व ध्वस्त कराने की गुहार लगते हुए कहा कि पड़ोसी अवैध निर्माण कर उनके आंगन को बंद कर चुके है साथ ही खिड़की के नीचे भी उन्होंने अवैध तरीके से शौचालय बना दिया है। इसके बाद भी वह कमरा बनाकर कॉमन एरिया को भी घेरना चाहते हैं इसको लेकर कई बार पुलिस-थाना भी हो चुका, जबकि शिकायत करने पर सात जनवरी 2021 को एलडीए की ओर से पड़ोसी को नोटिस भी दी गयी थी, लेकिन आज तक विहित प्राधिकारी ने इसका निस्तारण नहीं किया। वाद कोर्ट में ही अटका है, जबकि पड़ोसी आए-दिन कुछ न कुछ अवैध निर्माण करते ही रहते हैं। बीती 28 सितंबर को भी वह अवैध निर्माण करा रहे थे, जिसकी शिकायत करने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर काम रुकवा दिया था। सुनीता शर्मा की शिकायत पर वीसी ने जोनल अधिकारी व इंजीनियर को तुरंत मौके की जांच कर आगे की कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
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अतिरिक्त जमीन की कॉस्टिंग के नाम पर ढाई साल से दौड़ा रहे कर्मी
वहीं राजाजीपुरम निवासी आवंटी कपिल कुमार गुप्ता ने बसंतकुंज योजना के कर्मियों पर ढाई साल से दौड़ाने का आज समाधान दिवस में आरोप लगाया। कपिल के अनुसार एलडीए ने उन्हें करीब 20 साल पहले बसंत कुंज योजना में प्लॉट नंबर 496 सेक्टर एन में आवंटित किया था। विवाद के चलते इसे सेक्टर एन के ही प्लॉट नंबर 419 में समायोजित कर दिया गया था। ढाई साल पहले उन्होंने इसकी रजिस्ट्री के लिए एलडीए कर्मी पंकज सोनकर के माध्यम से अपने डॉक्यूमेंट जमा किए तो पंकज ने उन्हें बताया कि आपके प्लॉट के बगल में कुछ अतिरिक्त जमीन है, जिसकी कॉस्टिंग कराने के बाद ही बताया जा सकेगा कितना पैसा जमा करना है, लेकिन ढाई साल बीतने के बाद भी आज तक कॉस्टिंग नहीं कराई जा रही है। कपिल कुमार की शिकायत पर उपाध्यक्ष ने संबंधित अधिकारी व कर्मियों को हफ्ते भर में कार्यवाही पूरी करते हुए रजिस्ट्री कराने का निर्देश दिया।
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वसूली-मनमानी से सुलभ आवास के आवंटी त्रस्त!
समाधान दिवस में आज गोमतीनगर विस्तार सेक्टर छह स्थित सुलभ आवास के आवंटियों ने भी गुहार लगाई है। आवंटी बृजेश चंद्र, सुनील वर्मा, जगजीवन सिंह व अन्य ने अलग-अलग प्रार्थना पत्र देते हुए सुलभ आवास में कुछ लोगों पर मनमानी व अवैध वसूली करने का आरोप लगाया है। आवंटियों के अनुसार कुछ लोग सोसाइटी बनाकर एलडीए के नियमों के विरूद्ध आवंटियों को परेशान कर रहें हैं। बृजेश चंद्र ने वीसी को बताया कि सोसाइटी के नाम पर दबंग सुलभ आवास के दो में से मात्र एक ही गेट खुलने देते हैं, ऐसे में 1104 आवासों में रहने वाले आवंटी व उनके रिश्तेदार-परिचितों को आने-जाने में दिक्कत होती है। साथ ही आवास के भूतल, रास्ते व अन्य जगाहों पर अवैध कब्जे कार्यालय व अन्य काम किए जा रहें हैं।
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आवंटियों के अनुसार इसके अलावा सरकारी कूड़े की गाड़ी को न सिर्फ दबंग सुलभ आवास परिसर से बाहर रोक देते हैं, बल्कि घरों से कूड़ा उठाने के नाम पर तीन सौ रुपए महीने की मांग की जाती है जो पूरी नहीं करने पर आवंटियों से गाली-गलौज किया जाता है। आवंटियों का यह भी आरोप था कि उनके अलावा वहां आने वाले फल, सब्जी व मिनरल वॉटर वालों से भी अंदर आने के लिए फिक्सड पैसे की डिमांड की जाती है। शिकायतें सुनने के बाद उपाध्यक्ष ने जोन एक के अधिशासी अभियंता को जांच कर 15 दिन के अंदर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
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अपर सचिव ने ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि आज समाधान दिवास में 19 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से चार प्रकरणों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। वहीं, बाकी मामलों के निपटारे के लिए समय सीमा निर्धारित करते हुए संबंधित अफसरों को कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया है।
समाधान दिवस में वीसी व अपर सचिव के अलावा चीफ इंजीनियर एके सिंह, ओएसडी प्रिया सिंह, डीके सिंह, रामशंकर, श्रद्धा चौधरी, राजीव कुमार, देवांश त्रिवेदी, रवि नंदन सिंह, सीटीपी केके गौतम, अधिशासी अभियंता नवनीत शर्मा, केके बंसला, मनोज सागर समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहें।