आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। समाज के बदलते परिवेश में छोटी-छोटी बातों पर बच्चों के जान देने के मामले बढ़ते जा रहा हैं। आज इसी के चलते जहां विकासनगर में बीटेक के छात्र ने पल्सर बाइक नहीं दिलाने पर जान दे दी। वहीं मात्र कक्षा छह की छात्रा ने भी पीजीआई इलाके में फंदे से झूलकर अपनी जिंदगी खत्म कर ली। घटना की जानकारी लगते ही परिजनों में कोहराम मचा है। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के साथ ही अपनी जांच शुरू कर दी है।
विकासनगर पुलिस के अनुसार पेशे से किसान राम सहारे कश्यप अपनी पत्नी व बच्चों के साथ विकासनगर तीन में रहते हैं। राम सहारे का 19 वर्षीय बेटा प्रत्यूष उर्फ गोलू कई दिनों से मां-बाप से पल्सर बाइक दिलाने की जिद कर रहा था।
यह भी पढ़ें- फेल होने पर BA की छात्रा ने फांसी लगाकर दी जान
गोलू इलाके में ही स्थित एक कॉलेज से बीटेक कर रहा था। आज सुबह सोकर उठने के बाद गोलू छत पर टहल रहा था।कुछ देर बाद छोटी बहन उसे बुलाने मकान के ऊपरी हिस्से में बने कमरे में पहुंची तो साड़ी के फंदे के सहारे गोलू को पंखे से लटकता देख चीखने लगी। बहन की चीख सुन कमरे में पहुंचे घरवालों ने गोलू को फंदे से उतारकर घर के पास में ही स्थित प्राइवेट अस्पताल पहुंचाया। जहां हालत गंभीर बताते हुए डॉक्टरों ने उसे ट्रॉमा सेंटर के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद परिजन गोलू को लेकर ट्रॉमा पहुंचे, लेकिन तब तक उसकी सांसे थम चुकी थी।
यह भी पढ़ें- डेथ प्वॉइंट बना गांधी सेतु, अब बीकॉम की छात्रा ने कूदकर दी जान
कल शाम को कही थी जान देने की बात
जानकारी के अनुसार कई दिनों से कॉलेज जाने के लिए मोटरसाइकिल की मांग करने वाले गोलू ने कल घरवालों से कहा था कि बाइक नहीं मिली तो वह जान दे देगा। घर की माली स्थिति ठीक नहीं होने के चलते बाइक दिलाने में असमर्थ परिजनों ने सोचा कि गोलू मजाक कर रहा है। लेकिन आज सुबह दहलाने वाली सच्चाई सामने आते ही परिजनों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
यह भी पढ़ें- हफ्ते भर में एक ही स्कूल के दूसरे छात्र ने खुद को गोली से उड़ाया, पढ़े सुसाइड नोट
मामा के घर में दे दी जान
वहीं दूसरी ओर मूल रूप से हरदोई निवासी मिश्रीलाल की 14 वर्षीय बेटी मुस्कान पीजीआई इलाके के सरस्वतीपुरम में अपने मामा सत्येंद्र कुमार के यहां रहकर इलाके में ही स्थित एक प्राइवेट स्कूल में कक्षा छह की पढ़ाई कर रही थी।
इंस्पेक्टर पीजीआई ने बताया सत्येंद्र की बहन रागिनी के अलावा उसका चार साल का बेटा व मां भी रहती हैं। आज सुबह सत्येंद्र रोज की तरह जूते के शोरूम में नौकरी करने चला गया, जबकि रागिनी स्कूल गए सत्येंद्र को बेटे को लेने गई हुई थी।
यह भी पढ़ें- बीटेक में बैक आने पर डूडा अधिकारी के इकलौते बेटे ने फांसी लगाकर दी जान
घर में मुस्कान के अलावा उसकी नानी मौजूद थी। तभी मौका देखकर मुस्कान ने खिड़की की रॉड में दुपट्टे के सहारे फांसी लगाकर जान दे दी। थोड़ी ही देर बाद रागिनी स्कूल से लौटी तो परिजनों को घटना की जानकारी हुई।
आत्महत्या करने की वजह तलाश रही पुलिस
पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, साथ ही मुस्कान के परिजन भी उसके आत्मघाती कदम उठाने की वजह नहीं बता पा रहे हैं। इन परिस्थितियों में पुलिस किशोरी के आत्महत्या के कारण का पता लगाने की बात कह रही है।
यह भी पढ़ें- नायाब सूबेदार के इकलौते बेटे ने पिता की रिवॉल्वर से खुद को उड़ाया