आरयू वेब टीम। मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर बने नए कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट में दिसंबर में संशोधित कानून को चुनौती दी गई है। याचिका में मांग की गई है कि संसद द्वारा पास किए गए संशोधन को रद्द किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर नियुक्तियों में देश के मुख्य न्यायाधीश को पैनल में शामिल करने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया है कि देश में चुनाव में पारदर्शिता लाने के मद्देनजर मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पैनल में मुख्य न्यायाधीश को शामिल किए जाएं।
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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के पैनल में प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता विपक्ष और चीफ जस्टिस शामिल होंगे, जब तक कि कोई कानून ना लाया जाए।
मोदी सरकार ने पलट सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद मोदी सरकार ने नया कानून लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। संशोधित कानून के मुताबिक, सीजेआई को सलेक्शन पैनल से हटा दिया गया और इसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता विपक्ष और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक कैबिनेट मंत्री कर दिया गया।
बता दें कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़े कानून में संशोधन को लेकर ये याचिका वकील गोपाल सिंह ने दाखिल की है।