आरयू वेब टीम। भारत सरकार के कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने फिनटेक कंपनी भारतपे को नोटिस जारी किया है। ये नोटिस कंपनीज एक्ट की धारा 206 के तहत जारी किया गया है, जिसमें सरकार ने कंपनी से इसके संस्थापक रहे अशनीर ग्रोवर के खिलाफ की गई कानूनी कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, कोरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी से उन सबूतों के बारे में जानकारी मांगी है, जो कंपनी ने अशनीर ग्रोवर के खिलाफ दर्ज कराए आपराधिक मामले में अदालत में जमा किए हैं। फिनटेक कंपनी साल 2022 में उस वक्त विवादों में आ गई थी, जब कंपनी के फाउंडर अशनीर ग्रोवर ने कोटक ग्रुप के कर्मचारी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था और उसे धमकी दी थी।
दरअसल कोटक ग्रुप का कर्मचारी नायका कंपनी के आईपीओ के दौरान एलॉटमेंट को सिक्योर नहीं कर सका था। विवाद के बाद अशनीर ग्रोवर ने भारतपे के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया था और कंपनी ने अपने वित्तीय खातों का ऑडिट कराने का फैसला किया था।
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ऑडिट के बाद भारतपे ने अशनीर ग्रोवर, उनकी पत्नी और उनके भाई पर धन के दुरुपयोग और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। कंपनी ने दावा किया था कि अशनीर और उनकी पत्नी की वजह से कंपनी को 88.67 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। कंपनी ने नुकसान की भरपाई के लिए मामला दर्ज कराया था। हालांकि अशनीर और अपने और अपनी पत्नी के ऊपर लगे आरोपों को नकार दिया था। कंपनी ने ये भी आरोप लगाया था कि भारतपे टेक्नोलॉजी में अशनीर ग्रोवर का कोई योगदान नहीं है।
बता दें कि फिनटेक दिग्गज कंपनी पेटीएम भी इन दिनों सरकार के रडार पर है। रिजर्व बैंक ने केवाईसी में गड़बड़ी के आरोप में पेटीएम पेमेंट बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। 29 फरवरी के बाद पेटीएम पेमेंट बैंक की सेवाएं नहीं मिल सकेंगी।