आरयू ब्यूरो, लखनऊ। स्वामी प्रसाद मौर्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम शेरवानी के पार्टी छोड़ने के बाद सपा को एक और झटका लगा है। सपा के राष्ट्रीय सचिव योगेंद्र पाल सिंह तोमर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा सपा प्रमुख अखिलेश यादव को भेज दिया है। साथ ही एक पत्र भी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजा है, जिसमें उन्होंने अल्पसंख्यकों के साथ ही सामान्य और पिछड़े वर्ग की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा है कि पीडीए नाम की राजनीत दिखावा लगती है।
पत्र में योगेंद्र तोमर ने कहा कि अब तक की राजनीति पांच बार के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम शेरवानी के साथ ही की है। अब वह सपा से अलग हो गए, ऐसे में उनके लिए भी पार्टी के साथ रहने का कोई औचित्य नहीं हैं। पार्टी में अल्पसंख्यकों के साथ ही सामान्य और पिछड़े वर्ग की अनदेखी हो रही है।
पार्टी में मुसलमानों के साथ ही सामान्य और पिछड़े वर्ग उपेक्षा से परेशान होकर राष्ट्रीय सचिव पद से इस्तीफा दे रहा हूं। पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम शेरवानी के साथ सपा की सदस्यता ग्रहण की थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम शेरवानी की कर्मठता के बाद भी उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा गया। सपा की पीडीए नाम की राजनीति भी अब दिखावा लगती है।
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इतना ही नहीं कई बार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से क्षेत्रीय और ब्राह्मण हित में बात करने के प्रयास किए गए, मगर उन्होंने इस बात को सुनना ही पसंद नहीं किया। पार्टी में कार्यकर्ताओं की भावनाओं का भी सम्मान नहीं हो रहा है। इससे मन काफी आहत है।
बता दें कि अलीगढ़ के लक्ष्मीबाई मार्ग स्थित जापान हाऊस के पार्क व्यू अपार्टमेंट निवासी योगेंद्र तोमर को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 28 जून 2023 को पार्टी में राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी दी थी।