आरयू ब्यूरो, लखनऊ। समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को डूंगरपुर केस में रामपुर के एमपी एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है। अदालत ने इस मामले में दो लोगों को बरी किया है। वहीं दोषियों के खिलाफ 18 मार्च को सजा सुनाई जाएगी। इस पूरे मामले में कोर्ट ने पूर्व पालिका अध्यक्ष अजहर अहमद खान और पूर्व क्षेत्राधिकारी आले हसन को भी दोषी करार दिया है। मामले में कुल चार लोगों को दोषी करार दिया गया है।
दरअसल सपा सरकार में डूंगरपुर में आसरा आवास बनाए गए थे। इस जगह पर पहले से कुछ लोगों के मकान बने थे। आरोप था कि सरकारी जमीन बताकर 2016 में मकानों को तोड़ दिया गया था। इस मामले में पीड़ितों ने लूटपाट का आरोप भी लगाया था। 2019 में योगी सरकार आने पर रामपुर के गंज थाने में इस मामले में करीब एक दर्जन अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए गए थे।
आरोप लगाया गया था कि अखिलेश सरकार में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री आजम खान के इशारे पर पुलिस और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आसरा आवास बनाने के लिए उनके घरों को जबरन खाली करवाया था। वहां पहले से बने मकानों पर बुलडोजर चलवाकर उन्हें ध्वस्त किया गया था।
यह भी पढ़ें- बेटे अदीब ने सीतापुर जेल में की आजम खान से मुलाकात, बयां किया पिता का दर्द
तत्कालीन अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री आजम खान, पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खान, ठेकेदार बरकत अली, रिटायर्ड सीओ आले हसन दोषी पाए गए। रामपुर पहुचे संयुक्त निदेशक अभियान अनिल कुमार राणा ने बताया कि आज मु.अ.सं. 508/19 थाना गंज में आरोपित आजम खान, अजहर अली, बरकत अली, आले हसन खान को धारा 447, 427, 504 ,506 आइपीसी में दोषी पाया गया। धारा 395, 412 आपीसी का अपराध साबित नहीं पाया गया। शेष अभियुक्तगण जिबरान, फरमान व ओमेन्द्र चौहान को दोषमुक्त किया गया। पूरे मामले में सोमवार को सजा सुनाई जाएगी।