राहुल ने कहा, प्रधानमंत्री को मणिपुर आकर प्रदेशवासियों की तकलीफ सुन, करनी चाहिए शांति की अपील

मणिपुर हिंसा

आरयू वेब टीम। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को एक बार फिर मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री को जातीय हिंसा प्रभावित राज्य का दौरा करना चाहिए। प्रधानमंत्री को मणिपुर खुद आ कर प्रदेशवासियों की तकलीफ सुन कर शांति की अपील करनी चाहिए।

एक्स पर पोस्ट पांच मिनट के इस वीडियो में कांग्रेस सांसद ने बताया कि, मणिपुर अभी भी संकट में है। राहुल गांधी ने वीडियो शेयर करते हुए कहा मणिपुर में हिंसा शुरू होने के बाद, मैं तीसरी बार यहां आ चुका हूं, मगर अफसोस स्थिति में कोई सुधार नहीं है। आज भी प्रदेश दो टुकड़ों में बंटा हुआ है। घर जल रहे हैं, मासूम जिंदगियां खतरे में हैं और हजारों परिवार रिलीफ कैम्प में जीवन काटने पर मजबूर हैं।

प्रधानमंत्री को मणिपुर खुद आ कर प्रदेशवासियों की तकलीफ़ सुनते हुए शांति की अपील करनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी और इंडिया मणिपुर में शांति की जरूरत को संसद में पूरी शक्ति के साथ उठाकर, सरकार पर इस त्रासदी को खत्म करने का दबाव बनाएंगे।

दरअसल। राहुल गांधी द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में वह मणिपुर के लोगों को सांत्वना देते नजर आ रहे हैं।  इस वीडियो में राज्य के जिरीबाम राहत शिविर की महिलाओं में से एक कहती है कि, उसकी दादी अभी भी संघर्ष की जगह पर फंसी हुई है और उन्हें उसके ठिकाने के बारे में नहीं पता है. वो कहती हैं कि, अगर हम उनसे संपर्क भी करें तो, न तो वह यहां आ सकती हैं, न ही हम वहां जा सकते हैं.

वहीं असम के थलाई में स्थित एक राहत शिविर में एक महिला ने कहती नजर आ रही हैं कि, चिकित्सकीय लापरवाही के कारण उसने अपने भाई को खो दिया है। उसने कहा कि उसके भाई की जान इसलिए चली गई, क्योंकि सरकार की ओर से पर्याप्त चिकित्सा देखभाल उपलब्ध नहीं थी। इसपर राहुल गांधी ने कहा कि, कांग्रेस पार्टी शिविर में दवाओं के लिए मदद करेगी।

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मालूम हो कि तीन मई को, मणिपुर उच्च न्यायालय के राज्य सरकार को अनुसूचित जनजाति सूची में मेइतेई को शामिल करने पर विचार करने के निर्देश के विरोध कुकी के नेतृत्व में एकजुटता मार्च के बाद चुराचांदपुर में कुकी और मेइतेई के बीच संघर्ष शुरू हुआ, जिसने देखते ही देखते हिंसा का रूप ले लिया और पूरे राज्य को प्रभावित किया। इस हिंसा में सैकड़ों लोग से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।

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