आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। रायबरेली में ऊंचाहार के एनटीपीसी में हुए दर्दनाक हादसे के शिकार तीन एजीएम को आज राजधानी के सिप्स अस्पताल से इलाज के लिए दिल्ली के एम्स अस्पताल भेजा गया। गंभीर रूप से घायल अफसरों को दिल्ली भेजने के लिए सुबह राजधानी पुलिस ने अस्पताल से लेकर अमौसी एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरीडोर बनाकर एयर एम्बुलेंस के लिए एयरपोर्ट पहुंचाया। रास्ते में पूरी तरह से ट्रैफिक रोकने के चलते घायलों को एयरपोर्ट पहुंचने में मात्र 22 मिनट का समय लगा।
वहीं अधिकारियों को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली भेजे जाने की जानकारी लगने पर विभिन्न अस्पतालों में भर्ती घायल मजदूरों के परिजनों ने इलाज में भेदभाव का आरोप लगाया। सिविल में एक तीमारदार का कहना था कि सरकार को सिर्फ अधिकारियों के जान की परवाह है, क्या हम लोगों को तकलीफ नहीं होती या फिर हमारा परिवार नहीं है। जो हमारी अनदेखी की जा रही है। हालांकि मुसीबत के पहाड़ के नीचे दबे मजदूरों के परिवारवालों ने फिलहाल खुलकर बोलने से मना कर दिया।
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चीफ सेक्रेटरी ने सिविल अस्पताल पहुंचकर जाना हाल
चीफ सेक्रेटरी राजीव कुमार ने भी आज सिविल अस्पताल पहुंचकर हादसे में घायल लोगों का हाल जानने के साथ ही उनके इलाज की व्यवस्था भी परखी। उन्होंने अस्पताल में भर्ती घायलों के परिजनों से मिलकर बातचीत भी की। डॉक्टरों से घायलों के बारे में जानकारी लेने के बाद राजीव कुमार ने कहा कि घायलों को संक्रमण से बचाने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं। सरकार पूरी तरह से पीडि़तों के साथ है, अस्पतालों को एलर्ट पर रखा गया है। जरूरत पड़ी तो घायलों को एयर एम्बुलेंस से दिल्ली भेजा जाएगा।
इससे पहले देर रात डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, कैबिनेट मंत्री सुरशे खन्ना और स्वामी प्रसाद मौर्या समेत तमाम नेताओं ने सिविल अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल और उनके उपचार व्यवस्था के बारे में जाना।
सिविल में हुई छह की मौत
वहीं दूसरी ओर सिविल अस्पताल के एमएस डॉ. अशोक दूबे ने बताया कि रायबरेली हादसे के शिकार तीस लोगों को कल रात से अब तक सिविल अस्पताल पहुंचाया गया है, जिसमें से सुबह तक छह लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं कईयों की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।
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