आरयू वेब टीम। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एसएसएलवी डी3 रॉकेट लॉन्च किया और उसके माध्यम से पृथ्वी अवलोकन उपग्रह-8 (ईओएस-8) का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। ईओएस-8 पृथ्वी की निगरानी करने के साथ पर्यावरण और आपदा को लेकर जानकारी देगा। साथ ही तकनीकी प्रदर्शन भी करेगा।
इसमें तीन अत्याधुनिक पेलोड हैं- इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इन्फ्रारेड पेलोड (ईओआईआर), ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड (जीएनएसएस-आर) और एसआईसी यूवी डोसिमीटर। इसरो के मुताबिक अपने नियोजित एक वर्ष के मिशन जीवन के साथ ईओएस-08 महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करेगा।
सफल लॉन्चिंग के बाद इसरो प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा कि हमारी लॉन्चिंग सही है। सैटेलाइट सही जगह पर पहुंच गई है। अब हम कह सकते हैं कि एसएसएलवी रॉकेट की तीसरी डिमॉन्सट्रेशन उड़ान सफल रही है। अब हम इस रॉकेट की टेक्निकल जानकारी इडंस्ट्री को शेयर करेंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा मात्रा में रॉकेट्स बन सके। छोटे सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग ज्यादा हो सके।
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वहीं इस संबंध में इसरो ने एक पोस्ट में कहा, “एसएसएलवी की तीसरी विकासात्मक उड़ान सफल रही। एसएसएलवी- डी3 ने ईओएस-08 को कक्षा में सटीक रूप से स्थापित किया। यह इसरो/डीओएस के एसएसएलवी विकास परियोजना के सफल समापन का प्रतीक है। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ, भारतीय उद्योग और एनएसआईएल इंडिया जो कि अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है, अब वाणिज्यिक मिशनों के लिए एसएसएलवी का उत्पादन करेंगे।”
इसरो के अनुसार, प्रक्षेपण से पहले साढ़े छह घंटे की उल्टी गिनती सुबह 2.47 बजे शुरू हुई। यह एसएसएलवी-डी3/ईओएस-08 मिशन की तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान है। गौरतलब है कि एसएसएलवी यानि स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल और डी3 का मतलब तीसरी डिमॉन्स्ट्रेशन फ्लाइट। इस रॉकेट का इस्तेमाल मिनी, माइक्रो और नैनो सैटेलाइट की लॉन्चिंग के लिए किया जाता है।
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