GSLV-F10 मिशन फेल, इसरो ने तकनीकी खामी को बताई वजह

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन

आरयू वेब टीम। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पृथ्वी की निगरानी करने वाले सैटेलाइट ‘ईओएस-03’ का गुरुवार को प्रक्षेपण कर दिया, लेकिन इसके बाद ये मिशन फेल हो गया है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से इस अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (ईओएस) को सुबह 5:43 बजे प्रक्षेपित किया गया। इसके बाद सारे स्टेज सही समय पर अलग होते चले गए, लेकिन क्रोयोजेनिक इंजन के आंकड़े मिलने बंद हो गए। जिसके बाद इस मिशन के आंशिक रूप से फेल होने की घोषणा की गई।

जीएसएलवी (भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान)-एफ10 के जरिए ईओएस-3 की लॉन्चिंग के बाद पूरी यात्रा 18.39 मिनट की थी। सारे स्टेज सही समय पर अलग होते चले गए, लेकिन ईओएस-3 के अलग होने से पहले क्रायोजेनिक इंजन में कुछ खराबी आई, जिस वजह से इसरो को आंकड़े मिलने बंद हो गए। इससे वैज्ञानिक परेशान हो गए। जिसकी जांच करने के बाद पूरे मामले की जानकारी इसरो चीफ डॉ के सिवन को दी गई जो, मिशन कंट्रोल सेंटर में बैठे थे। बाद मिशन के आंशिक रूप से फेल होने की जानकारी दी गई।

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इस सैटेलाइट को ‘आई इन द स्काई’  कहा जा रहा है. इससे पहले केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया था कि ईओएस की खासियत ये है कि यह चिन्हित किए गए किसी बड़े क्षेत्र की वास्तविक समय की तस्वीरों को एक निश्चित अंतराल पर भेजता रहेगा। उन्होंने कहा था कि यह प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ किसी भी तरह की अल्पकालिक घटनाओं की त्वरित निगरानी में मदद करेगा।

इस सैटेलाइट के जरिए कृषि, वानिकी, जल निकायों के साथ-साथ आपदा चेतावनी, चक्रवात निगरानी, बादल फटने या आंधी-तूफान की निगरानी सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग में लाने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी देने का दावा किया जा रहा था। इसके साथ ही देश की सीमाओं की तस्वीर भी वास्तविक समय पर उपलब्ध करानेगा दावा किया गया था।

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