इसरो की बड़ी सफलता, PSLV-C43 लॉन्‍च, भारत समेत आठ देशों के 30 अन्‍य उपग्रह लेकर हुआ था रवाना, जानें खास बातें

इसरो की बड़ी सफलता
पीएसएलवी-सी43 का ऐसा दिखा नजारा।

आरयू वेब टीम। 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने विश्‍वसनीय रॉकेट पीएसएलवी-सी43 को भारत के पृथ्वी अवलोकन उपग्रह हिसआईएस और आठ देशों के 30 अन्य उपग्रहों को लेकर रवाना किया था, और गुरुवार को भारतीय उपग्रह सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित हो गया।

इसरो ने बताया कि आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से गुरुवार को सुबह नौ बजकर 58 मिनट पर अंतरिक्षयान पीएसएलवी-सी43 का प्रक्षेपण हुआ। यह पीएसएलवी-सी43 अभियान का प्राथमिक उपग्रह है। पीएसएलवी इसरो का तीसरी पीढ़ी का प्रक्षेपण यान है। इसरो ने कहा कि प्रक्षेपण के लिए 28 घंटे की उलटी गिनती बुधवार सुबह पांच बजकर 58 मिनट पर शुरू हुई थी।

इसरो ने यह भी बताया कि अंतरिक्षयान का वजन करीब 380 किलोग्राम है और इसे 97.957 अंश झुकाव के साथ 636 किलोमीटर-पोलर सन सिंक्रोनस कक्षा में स्थापित किया गया। हिसआईएस की मिशन अवधि पांच साल की है और इसका प्रमुख उद्देश्य विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम के अवरक्त (इन्फ्रारेड) और शॉर्टवेव अवरक्‍त क्षेत्रों के नजदीक दृश्य पृथ्वी की सतह का अध्ययन करना है।

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हिसआईएस के साथ जिन उपग्रहों को रवाना किया गया था, उनमें आठ देशों के 29 नैनो और एक माइक्रो उपग्रह शामिल हैं। इनमें 23 उपग्रह अमेरिका के और एक-एक उपग्रह ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कोलंबिया, फिनलैंड, मलेशिया, नीदरलैंड और स्पेन के हैं।

इन सभी उपग्रहों को इसरो की वाणिज्यिक शाखा एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड के माध्यम से वाणिज्यिक संविदा के तहत प्रक्षेपित किया गया है। इसरो ने कहा कि सभी उपग्रहों को पीएसएलवी-सी 43 द्वारा 504 किलोमीटर कक्षा में स्थापित किया जाना है। यह इस महीने में इसरो का दूसरा प्रक्षेपण है। अंतरिक्ष एजेंसी ने 14 नवंबर को अपने अत्याधुनिक संचार उपग्रह जीसैट-29 को जीएसएलवी एमके 3-डी 2 के साथ प्रक्षेपित किया था।

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