आरयू वेब टीम। 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा पर इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद से योगी सरकार विपक्ष के साथ ही अपने सहयोगियों के निशाने पर आ गई है। इस मामले को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आरक्षण छीनने की भाजपाई जिद ने सैकड़ों निर्दोष अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में धकेल दिया है। अब कोर्ट के फैसले से आरक्षण व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वाली भाजप सरकार की साजिशों को जवाब मिला है।
राहुल ने कहा कि 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती पर इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला आरक्षण व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वाली भाजपा सरकार की साजिशों को करारा जवाब है। यह पांच वर्षों से सर्दी, गर्मी, बरसात में सड़कों पर निरंतर संघर्ष कर रहे अमित मौर्या जैसे हज़ारों युवाओं की ही नहीं, सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने वाले हर योद्धा की जीत है। आरक्षण छीनने की भाजपाई ज़िद ने सैकड़ों निर्दोष अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में धकेल दिया है।
साथ ही कहा कि पांच साल ठोकरें खाकर बर्बाद होने के बाद जिनको नई सूची के ज़रिए नौकरी मिलेगी और जिनका नाम अब चयनित सूची से कट सकता है, दोनों की ही गुनहगार सिर्फ भाजपा है। ‘पढ़ाई’ करने वालों को ‘लड़ाई’ करने पर मजबूर करने वाली भाजपा सरकार सही मायने में युवाओं की दुश्मन है।
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मालूम हो कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा (एटीआरई) के तहत 69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जून 2020 में जारी चयन सूची और 6800 अभ्यर्थियों की पांच जनवरी 2022 की चयन सूची को दरकिनार कर नए सिरे से सूची बनाने के आदेश दिए हैं।