आरयू ब्यूरो, लखनऊ/प्रयागराज। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान की मुश्किल कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रामपुर की जौहर यूनिवर्सिटी में सफाई मशीन बरामदगी मामले में आरोपित पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान और बेटे अब्दुल्ला आजम की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। इस मामले में कोर्ट ने दो सितंबर को फैसला सुरक्षित कर लिया था। इसी के साथ रामपुर नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष अजहर खान की भी जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी है।
इस पूरे मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति समित गोपाल की एकलपीठ के समक्ष हुई। दरअसल आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम सहित पांच अन्य लोगों के खिलाफ आईपीसी और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान (निवारण) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत 19 सितंबर 2022 को पुलिस स्टेशन कोतवाली, रामपुर में सामाजिक कार्यकर्ता/शिकायतकर्ता वाकर अली खान द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
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शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि सपा शासनकाल के दौरान रामपुर में सफाई व्यवस्था के लिए सरकारी पैसे से नगर पालिका में सरकारी सफाई मशीन खरीदी गई थी, लेकिन उन मशीनों को आजम और उनके बेटे ने नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष अजहर खान के साथ मिलीभगत करके जौहर विश्वविद्यालय में लगवा लिया। जब नई सरकार ने इन मशीनों की खोजबीन करवाई तो कुलपति ने विश्वविद्यालय से मशीन गायब करवा दी और अन्य आरोपितों के साथ मिलकर उन मशीनों को तुड़वाकर विश्वविद्यालय में ही कहीं दबा दिया और विश्वविद्यालय के कर्मचारी इस मामले में गवाह थे।