आरयू ब्यूरो, लखनऊ। योगी सरकार के 27,764 प्राइमरी और जूनियर स्कूल बंद करने के विवादित फैसले पर हंगामा मच गया है। कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को निशाने पर लिया है। प्रियंका ने इस फैसले को शिक्षा क्षेत्र के साथ-साथ दलित, पिछड़े, गरीब और वंचित तबकों के बच्चों के खिलाफ बताया है। साथ ही कहा कि भाजपा सरकार नहीं चाहती कि कमजोर तबके के बच्चों के लिए शिक्षा सुलभ हो।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट कर कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने 27,764 प्राइमरी और जूनियर स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है। यह कदम शिक्षा के साथ-साथ दलित, पिछड़े, गरीब और वंचित तबकों के बच्चों के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार शिक्षा के अधिकार का कानून लाई थी, इसके तहत व्यवस्था की गई थी कि हर एक किलोमीटर की परिधि में एक प्राइमरी विद्यालय हो, ताकि हर तबके के बच्चों के लिए स्कूल सुलभ हो। कल्याणकारी नीतियों और योजनाओं का मकसद मुनाफा कमाना नहीं, बल्कि जनता का कल्याण करना है। भाजपा नहीं चाहती कि कमजोर तबके के बच्चों के लिए शिक्षा सुलभ हो।
गौरतलब है कि लखनऊ में एक मीडिया हाउस को दिए बयान में योगी सरकार द्वारा 27764 स्कूलों को बंद करने के निर्णय पर हंगामा मचने के बाद बेसिक शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि कतिपय समाचार माध्यमों में प्रकाशित खबर में 27000 प्राथमिक विद्यालयों को निकटवर्ती विद्यालयों में विलय करते हुए बंद करने की बात की गई है। जो बिल्कुल भ्रामक एवं निराधार हैं। किसी भी विद्यालय को बंद किए जाने की कोई प्रक्रिया गतिमान नहीं है।
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बेसिक शिक्षा महानिदेशक ने कहा कि प्रदेश का प्राथमिक शिक्षा विभाग विद्यालयों में मानव संसाधन और आधारभूत सुविधाओं के विकास, शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने तथा छात्रों, विशेषकर बालिकाओ के, ड्राप आउट दर को कम करने के लिए सतत प्रयत्नशील है। इस दृष्टि से समय-समय पर विभिन्न अध्ययन किए जाते हैं। विगत वर्षों में प्रदेश के विद्यालयों में कायाकल्प, निपुण, प्रेरणा आदि योजनाओं के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति एवं सुधार हुए हैं।