आरयू वेब टीम।
पद्मावती पर चल रहे विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक महीने में तीसरी बार फिल्म पद्मावती पर रोक लगाए जाने वाली याचिका को खारिज कर दिया। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर बयानबाजी करने वाले मुख्यमंत्रियों सहित नेताओं व अन्य को भी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि जो बिना फिल्म देखे उसके बारे में बयान दे रहे हैं सार्वजनिक कार्यालयों में बैठे लोगों को ऐसे मुद्दों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
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कोर्ट ने केंद्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग गैर जिम्मेदाराना बयान कैसे दे सकते हैं वो भी उस समय जब अभी सेंसर बोर्ड का फैसला आना बाकी है। वैसे भी बीएफसी के पास मामला लंबित है तो जिम्मेदार लोगों को कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि सेंसर बोर्ड विधान के तहत काम करता है। उन्हें कोई नहीं बता सकता कि कैसे काम करना है।
वहीं देश के बाहर फिल्म की रिलीज नहीं करने वाली याचिका को मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने खारिज कर दिया। निर्माता की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि वो देश से बाहर फिल्म को रिलीज नहीं कर रहे, क्योंकि इससे फिल्म को नुकसान होगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने आज मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसा करने से सेंसर बोर्ड का निर्णय प्रभावित होगा। सुप्रीम कोर्ट ने पद्मावती के निर्माता-निर्देशक पर आपराधिक मामला दर्ज किए जाने की वकील मनोहर लाल शर्मा की याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने इस पिटीशन को बेवजह करार दिया।
मालूम हो कि पद्मावती फिल्म के विरोध में वकील मनोहर लाल शर्मा ने पिटीशन दायर की थी। उन्होंने अपनी पिटीशन में मांग की थी कि फिल्म से आपत्तिजनक सीन हटाए जाएं। साथ ही डायरेक्टर संजय लीला भंसाली पर केस चलाने की बात कही गई थी।
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