आरयू वेब टीम। लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंचे। जहां राहुल ने सुसाइड करने वाले हरियाणा के आइपीएस अफसर वाई पूरन कुमार के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और परिवार से मुलाकात कर शोक संतृप्त परिजनों को ढांढस बंधाया। इस दौरान कहा कि मैं हरियाणा सरकार से कहना चाहता हूं कि एक्शन लीजिए, अफसर पर कार्रवाई कीजिए और परिवार पर जो दबाव है, उसे हटाइए।
वहीं मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने बाहर आकर मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं केंद्र और हरियाणा सरकार से कहना चाहता हूं कि एक्शन लीजिए, अफसर पर कार्रवाई कीजिए और परिवार पर जो दबाव है, उसे हटाइए। साथ ही कहा कि ऐसे आरोपित अफसरों को गिरफ्तारी होनी चाहिए।
उनका अपमान किया गया
पीड़ित परिवार से हुईं बातों और उनकी मांगों पर राहुल गांधी ने कहा, उनका अपमान किया गया। उनका करियर खत्म किया गया और अब उनके परिवार का सम्मान जल्द से जल्द वापस किया जाए। परिवार की ये मांगें एकदम जायज हैं। ये सिर्फ एक परिवार की बात नहीं है, पूरे दलित समाज से जुड़ा मुद्दा है।
ये था मामला-
मालूम हो कि साल 2001 बैच के आइपीएस अफसर वाई पूरन कुमार ने सात अक्टूबर को खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उससे पहले आठ पेज के फाइनल नोट जो पूरन कुमार द्वारा लिखा गया था, उसमें हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर समेत कई सीनियर आइपीएस अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
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इस नोट में पूरन कुमार ने हरियाणा डीजीपी शत्रुजीत कपूर, रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया समेत 13 अधिकारियों पर जातिगत उत्पीड़न, मानसिक प्रताड़ना, सार्वजनिक तौर पर अपमानित करने और करियर बर्बाद करने के गंभीर आरोप लगाए। नोट में उन्होंने लिखा कि वे इस उत्पीड़न को और सहन नहीं कर सकते। दिवंगत आइपीएस अधिकारी की पत्नी की मांग है कि एफआइआर में शत्रुजीत कपूर, बिजरानिया का नाम भी दर्ज किया जाए।