आरयू वेब टीम। नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी व राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय की शिकायत पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया। कोर्ट के विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत दायर यह शिकायत सुनवाई योग्य नहीं है, क्योंकि यह मामला किसी एफआइआर पर आधारित नहीं, बल्कि एक निजी शिकायत से जुड़ा है।
‘एक रिपोर्ट के मुताबिक अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पीएमएलए की धारा तीन के तहत परिभाषित और धारा चार के तहत दंडनीय मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध की जांच और अभियोजन, तब तक कायम नहीं रह सकता जब तक संबंधित अपराध पर एफआइआर दर्ज न हो या वह अपराध कानून की अनुसूची में शामिल न हो। इसी आधार पर अदालत ने ईडी की शिकायत को खारिज कर दिया। कोर्ट ने ये भी कहा कि चूंकि अब दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले में एफआइआर दर्ज कर ली है, इसलिए ईडी द्वारा आरोपों के गुण-दोष (मेरिट्स) पर दी गई दलीलों पर फैसला करना फिलहाल जल्दबाजी और अनुचित होगा।
अदालत ने साफ कहा, ‘धारा 3 के तहत परिभाषित और धारा 4 के तहत दंडनीय अपराध का संज्ञान लेने से इनकार किया जाता है। शिकायत खारिज की जाती है।’ इस मामले में गांधी परिवार के अलावा सुमन दुबे, सैम पित्रोदा, यंग इंडियन, डोटेक्स मर्चेंडाइज और सुनील भंडारी को भी ईडी ने आरोपित बनाया था। ईडी का आरोप था कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड, जो करती है की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को धोखाधड़ी से अपने कब्जे में लेने के जरिए ‘अपराध की आय’ को मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से छिपाया गया।
ईडी के मुताबिक, यह संपत्तियां यंग इंडियन नामक कंपनी के जरिए हासिल की गईं, जिसमें राहुल और सोनिया गांधी बहुलांश शेयरधारक हैं। ईडी का यह भी कहना था कि एक आपराधिक साजिश के तहत एजेएल के शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर किए गए, ताकि एजेएल की अचल संपत्तियों और उनसे होने वाली किराये की आय पर कब्जा किया जा सके, जिन्हें ‘अपराध की आय’ बताया गया।
वहीं, गांधी परिवार की ओर से दलील दी गई कि यह एक असामान्य और अभूतपूर्व मामला है, जिसमें बिना किसी संपत्ति के उपयोग या उसके प्रदर्शन के ही मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए गए हैं। सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेताओं ने ईडी के इस आरोप को भी खारिज किया कि यंग इंडियन का इस्तेमाल एजेएल की संपत्तियां हड़पने के लिए किया गया। उनका कहना था कि दिया गया कर्ज एजेएल को कर्ज-मुक्त बनाने के लिए था।
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मालूम हो कि नेशनल हेराल्ड मामला पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी की निजी शिकायत से शुरू हुआ था, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और गांधी परिवार के नियंत्रण वाली यंग इंडियन पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और संपत्ति के दुरुपयोग के आरोप लगाए गए थे। ईडी ने इस साल 15 अप्रैल को राहुल गांधी, सोनिया गांधी, सैम पित्रोदा और अन्य के खिलाफ अभियोजन शिकायत दाखिल की थी। मामले की सुनवाई के दौरान ईडी और आरोपितों की ओर से कई वरिष्ठ वकील अदालत में पेश हुए।




















