आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। उन्नाव गैंगरेप के आरोप में फंसे भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की गिरफ्तारी नहीं होने से लगातार विपक्षी दलों का विरोध बढ़ता जा रहा है। मुकदमा दर्ज होने के बाद भी विधायक की गिरफ्तारी नहीं होने से आक्रोशित अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव के नेतृत्व में गुरुवार को महिला कांग्रेस एवं युवा कांग्रेस द्वारा संयुक्त रूप से जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की गयी।
इस दौरान कांग्रेस के सदस्यों ने विधायक की गिरफ्तारी और किशोरी को हर स्तर पर न्याय देने की मांग की। माल एवेन्यू से पैदल मार्च निकालकर मुख्यमंत्री आवास जा रहे कांग्रेसियों की पुलिस से भिड़त भी हुई। जिसके बाद सैकड़ों कांग्रेसियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
गुरुवार को पैदल मार्च को लालबहादुर शास्त्री मार्ग के पास बैरीकेडिंग लगाकर भारी पुलिस बल द्वारा रोका गया, जहां पुलिस से काफी देर तक धक्का-मुक्की के बाद बैरीकेडि़ंग तोड़कर महिलाएं एवं युवा कांग्रेसी आगे बढ़े। इस दौरान महिला कांग्रेस की सदस्यों ने पुलिसकर्मियों को चूडि़यां भी देने की कोशिश की। हाथ में भाजपा और योगी सरकार विरोधी नारे लिखे बैनर लिए सीएम आवास जाने की जिद में अड़ें कांग्रेसियों ने लालबहादुर शास्त्री मार्ग पर घंटों भाजपा सरकार व पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन किया।
बेटी बचाने का नारा देने वाले रेप के आरोपित को बचाने में लगे
इस दौरान अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कहा कि आज पूरा देश देख रहा है कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की बात करने वाली मोदी और योगी की सरकार में बेटियों के साथ बलात्कार हो रहा है और रेप के आरोपित को सरकार बचाने में लगी है। एफआइआर दर्ज होने के बाद भी विधायक को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। महिला कांग्रेस महिलाओं के साथ हो रहे उत्पीड़न और अपराध के खिलाफ आवाज उठाते हुए सड़कों पर उतरकर संघर्ष करती रहेगी।
पिता को सुरक्षा और चिकित्सा देने की जगह विधायक को बचाने में खपाते रहें दिमाग
उत्तर प्रदेश यूपी कांग्रेस सोशल मीडिया कोर्डिनेटर अयाज खान ‘अच्छू’ ने कहा कि गैंगरेप का शिकार होने के बाद किशोरी व उसका परिवार उन्नाव से लेकर लखनऊ और सोशल मीडिया तक न्याय की गुहार और विधायक पर कार्रवाई की मांग पुलिस-प्रशासन व सीएम से करता रहा, लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी। उसके बाद किशोरी ने परिवार के साथ सूबे के मुख्यमंत्री के दरवाजे पर ही आत्मदाह की कोशिश की, लेकिन फिर भी सरकार व पुलिस प्रशासन विधायक को बचाने में ही अपना पूरी ताकत और दिमाग खपाता रहा, जबकि किशोरी ने रविवार को ही कहा था कि उसके पिता को बेरहमी से पीटने के बाद फर्जी मामले में मरणासन्न अवस्था में जेल भेजा गया है। इतना कुछ होने के बाद अगर सरकार जाग गयी होती और जेल में बंद किशोरी के पिता को इलाज और सुरक्षा प्रदान कर दी गयी होती तो अगले दिन एक परिवार से उसका मुखिया नहीं छिनता।
इनकी हुई गिरफ्तारी
करीब डेढ़ घण्टे धरने पर बैठने के बाद सुष्मिता देव, विधायक अराधना मिश्रा, विधायक अदिति सिंह, पूर्व सांसद अन्नू टण्डन, महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव अनुपमा रावत, शमीना शफीक, डॉ. नीता मिश्रा, युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव श्रीनिवास, युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. उमाशंकर पाण्डेय, विधायक आनंद शंकर सिंह, मध्य जोन के अध्यक्ष अंकित परिहार, पूर्वी जोन के अध्यक्ष नीरज तिवारी, अनुसुइया शर्मा, वीरेंद्र मदान, डॉ. लालती देवी, शैलेंद्र तिवारी, नूतन बाजपेयी, आरती बाजपेयी, आयाज खान ‘अच्छू’ मानवेंद्र तिवारी, विशाल सिंह, अंकित धान्विक, रितेश यादव, सुशीला शर्मा, शालिनी सिंह, शीला मिश्रा, सोमेश सिंह चौहान, सुनीता रावत, आरती बाजपेयी सैकड़ों कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर बस में भरकर कैण्ट थाने ले जाया गया। जहां से बाद में सभी को रिहा कर दिया गया।
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