आरयू वेब टीम।
कर्नाटक चुनाव के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी की गई है। दिल्ली में पेट्रोल 17 पैसे और डीजल 21 पैसे महंगा हो गया है, जबकि पिछले 19 दिनों से पेट्रोल-डीजल के दाम होल्ड पर थे। 19 दिन बाद एक साथ इनके दाम बढ़ाए गए हैं।
कर्नाटक चुनाव के चलते तेल कंपनियों ने रोजाना होने वाले बदलाव पर 24 अप्रैल से रोक लगा रखी थी। पहले से ही तय माना जा रहा था कि कर्नाटक चुनाव होते ही एक साथ पेट्रोल के दाम बढ़ाए जाएंगे। अब दिल्ली में पेट्रोल के दाम में 17 पैसे का इजाफा किया गया है। यह 74.99 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया है। वहीं डीजल के दाम 21 पैसे बढ़ाए गए हैं, जिसका दाम अब 66.14 रुपए प्रति लीटर पहुंच गया है।
डीजल का यह रिकॉर्ड स्तर है, जबकि पेट्रोल 55 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गया है। मुंबई में पेट्रोल 17 पैसे बढ़कर 82.65 प्रति लीटर पर पहुंच गया है। वहीं डीजल 23 पैसे महंगा होकर 70.43 के पास पहुंच गया है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की रोजाना बदलने वाली कीमतों पर कर्नाटक चुनाव के चलते रोक लगा रखी था। हालांकि कंपनियों को इससे नुकसान हो रहा था, इसलिए अब भरपाई के लिए कंपनियां रोजाना धीरे-धीरे करके दाम बढ़ाएंगी।
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वहीं इस बार हुई बढोत्तरी को सीधे तौर पर कर्नाटक के विधानसभा चुनावी रणनीति के तौर पर माना जा रहा है। मतदान के बाद पेट्रोल डीजल की कीमत में आयी बढोत्तरी को विपक्ष सरकार की चुनावी चाल के रूप में देख रही है। विपक्ष के इन आरोप पर सरकार बचाव की मुद्रा में है।
वहीं इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) के चेयरमैन संजीव सिंह ने भी कहा है कि यह पेट्रोल-डीजल की कीमत में आयी बढोत्तरी कर्नाटक चुनावों के बाद होना संयोग है। उन्होंने कहा कि कीमतें स्थिर करने से पहले हर रोज यह 25-35 पैसे घट-बढ़ रहा था। इससे हर 15 दिन में ईंधन की कीमतें दो से तीन रुपये बदल जाती थीं।
बता दें कि यह स्थिति पहली बार नहीं हुई है। इससे पहले वर्ष 2017 दिसंबर में गुजरात चुनाव के समय भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों को 15 दिनों के लिए होल्ड पर रखा गया था। मतदान के दिन तक पेट्रोल-डीजल की कीमतें नहीं बढ़ी थीं, लेकिन चुनाव के बाद एक साथ पेट्रोल-डीजल पर दो रुपए बढ़े थे। उस वक्त भी तेल कंपनियों ने अपने नुकसान की भरपाई के लिए ही ऐसा किया था।
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