आरयू वेब टीम।
चुनाव आयोग अब 200 राजनीतिक पार्टियों की मान्यता ही रद्द करने जा रहा है। इन पार्टियों ने 2005 के बाद से किसी भी चुनाव में भाग नहीं लिया है। चुनाव आयोग को शक है कि इन में से कई राजनीतिक दलों का गठन मात्र कालेधन को सफेद करने के लिए ही हुआ है।
एक दशक से निष्क्रिय यह दल सिर्फ कागजों में ही सीमित है। मान्यता कैंसिल होने के बाद यह पार्टियां चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएंगी।
इसके साथ ही आयोग अपना शिकंजा कसते हुए इन पार्टियों के चंदे की जांच के लिए सूचना केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को भी पत्र लिखेगा। चुनाव आयोग के सूत्र के अनुसार पार्टियों के गड़बड़ी के खिलाफ यह अभी शरूआत है। जल्द ही सभी गैर जिम्मेदार पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा इनकम टैक्स नहीं भरने वाले दलों पर भी निश्चित कार्रवाई होगी। साथ ही टैक्स भरने के बाद भी उसकी कॉपी चुनाव आयोग को नहीं भेजने वाली पार्टियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।
चुनाव आयोग के सूत्र के अनुसार भारत में लगभग 1900 राजनीतिक दल है, जिसमें आयोग दो सौ पार्टियों को अपनी सूची से बाहर करने की तैयारी कर रहा है।