आरयू वेब टीम।
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआइ में चल रहे विवाद को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी दी है। अब इस मामले की सुनवाई 16 नवंबर (शुक्रवार) को होगी।
वहीं आज जो दो रिपोर्ट सौंपी गई है, उनमें मामले की जांच रिपोर्ट और नागेश्वर (अंतरिम डायरेक्टर) द्वारा लिए गए फैसलों की लिस्ट है। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने पूछा कि रिपोर्ट में क्या है। सीवीसी की तरफ से तुषार मेहता ने कहा कि हम रिपोर्ट कल ही सौंपना चाहते थे, जिसपर सीजेआइ ने कहा कि उनका दफ्तर कल भी खुला था, आप चाहते तो कर सकते थे।
बता दें कि अदालत ने सीवीसी को निर्देश दिया था कि वह सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की अपनी प्रारंभिक जांच दो हफ्ते के भीतर पूरी करे। केंद्र सरकार ने वर्मा से सारे अधिकार वापस ले कर उन्हें छुट्टी पर भेज दिया है।
इससे पहले छुट्टी पर भेजे गए डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना की केंद्रीय सतर्कता आयोग के सामने पेशी हो चुकी है। सीवीसी ने आलोक वर्मा मामले में जो भी जांच की है, उसको लेकर रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौंपी गई है। सीबीआइ की इस जांच कमेटी की अगुवाई सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एके पटनायक ने की थी।
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मालूम हो कि वर्मा और अस्थाना ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके बाद विवाद काफी गहरा गया था। बाद में केंद्र ने दोनों अधिकारियों को जबरन छुट्टी पर भेजा दिया और दोनों से उनके सारे अधिकार वापस ले लिए थे। दरअसल, अस्थाना और उनकी टीम के एक डीएसपी पर मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तीन करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है। वहीं, अस्थाना का आरोप है कि सीबीआई चीफ आलोक वर्मा ने ही दो करोड़ रुपए की घूस ली है।
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