आरयू वेब टीम।
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआइ के डॉयरेक्टर आलोक वर्मा की दोबारा बहाली की मांग को लेकर कांग्रेस शुक्रवार को देशभर में प्रदर्शन कर रही है। इसी क्रम में नई दिल्ली में आज कांग्रेस ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व के विरोध मार्च निकालकर प्रदर्शन किया।
राहुल गांधी ने आलोक वर्मा के हटाए जाने को असंवैधानिक और अवैध करार देते हुए न सिर्फ उनके बहाली की मांग की है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर माफी मांगने को कहा है।
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वहीं आज निकाले गए कांग्रेस के इस मार्च को सीबीआइ मुख्यालय से करीब दो सौ मीटर पहले ही पुलिस ने रोक दिया। मार्च रोके जाने के बाद राहुल गांधी बैरिकेटिंग के ऊपर चढ़कर बैठ गए। वो करीब घंटे भर सीबीआइ मुख्यालय के सामने डटे रहे। काफी हंगामे के बाद राहुल गांधी बैरिकेटिंग से उतरकर एक गाड़ी पर चढ़ गए और वहां से कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
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वहीं इस दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने अनिल अंबानी की जेब में देश की जनता का पैसा डाला। प्रधानमंत्री ने राफेल मामले की जांच से बचने के लिए सीबीआइ के डॉयरेक्टर को हटाया है। हम चौकीदार को चोरी नहीं करने देंगे। कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद राहुल लोधी रोड थाने गये और सांकेतिक गिरफ्तारी दी।
अन्य पार्टियों के लोगों ने भी दिया कांग्रेस का साथ
वहीं आज मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस के इस हल्ला बोल प्रदर्शन में अन्य पार्टियों के नेताओं ने भी एकजुटता दिखाते हुए हिस्सा लिया। लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव, भाकपा नेता डी राजा और तृणमूल कांग्रेस के नदीम-उल-हक कांग्रेस के इस विरोध मार्च में शामिल हुए। राहुल गांधी के बगल में बैरिकेटिंग पर वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत, डी. राजा भी बैठे थे। साथ ही कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने भी इस मार्च में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
जेटली ने कहा जांच प्रभावित न हो इसलिए…
वहीं इस मामले में शुक्रवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मीडिया से कहा कि सीबीआइ के दो शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ सीवीसी की जांच चल रही है। इसलिए तब तक उन्हें जिम्मेदारी से हटे रहना चाहिए जिससे जांच प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि सीबीआइ विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं। मामले की सीवीसी जांच चल रही है, जो भी सच होगा वह हमारे और आपके सामने आ जाएगा।
अरुण जेटली ने आगे कहा कि सीबीआइ विवाद में सुप्रीम कोर्ट का फैसला सकारात्मक रहा और यह एक सकारात्मक कदम भी है। वह एजेंसी जो भ्रष्टाचार की जांच करते हैं जब उसके दो बड़े अधिकारी ऐसे मामले में फंस जाए तो इसके लिए बहुत ही ज्यादा सटीक और निष्पक्ष जांच की जरूरत होती है। जिनके खिलाफ जांच चल रही हो वह उसी एजेंसी में कैसे रह सकते हैं। सरकार की नियत है कि सच सामने आए और जल्दी सामने आए।
सरकार लाख कोशिश कर ले, सच को क़ैद नहीं कर पाएगी| पुरे देश में जनता सड़कों पर आ प्रधान मंत्री को असलियत का आईना दिखा रही है| pic.twitter.com/AAE06H0790
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 26, 2018